संघ लोक सेवा आयोग mppsc|Sangh lok seva aayog mppsc unit – 10 hindi

Table of Contents

संघ लोक सेवा आयोग की पृष्ठभूमि ( Background of Union Public Service Commission )

भारत में लोक सेवाओ का जन्म ब्रिटिश शासन में उनकी महत्त्वाकांक्षाओ एवं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु हुआ ।

लार्ड कार्नवालिस को भारत में सिविल सेवा का जनक कहा जाता है ।

सिविल सेवा में पदोन्नति के लिए वरिष्ठता सिद्धांत की शुरुआत लार्ड कार्नवालिस ने की थी ।

लोक सेवको की नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर करने का सुझाव- 1854 लार्ड मैकाले ( 1853 अधिनियम ) ने दिया था ।

भारतीय सिविल सेवा की प्रथम प्रतियोगी परीक्षा 16 जुलाई 1855 को लंदन में आयोजित की गई थी ।

आरंभ में अभ्यार्थियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं अधिकतम आयु 23 वर्ष थी ।

लॉर्ड डफरिन द्वारा एचिसन आयोग का गठन इस उद्देश्य किया गया कि यह निर्धारित किया जा सके कि सिविल सेवा की प्रतियोगी परीक्षा भारत और इंग्लैंड दोनों में एक साथ आयोजित की जानी चाहिए कि नहीं किंतु आयोग ने अपने सुझावों में एक साथ प्रतियोगी परीक्षा कराने से इंकार कर दिया था ।

तत्पश्चात इंस्लिगटन आयोग ने अपने सुझाव में भारत और इंग्लैंड दोनों में एक साथ सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षा कराने का सुझाव दिया जिसे भारत सरकार अधिनियम 1919 के माध्यम से स्वीकार किया गया ।

प्रथम बार सिविल सेवा की परीक्षा एक साथ लंदन और इलाहाबाद में 1922 में आयोजित की गई थी ।

वर्ष 1924 में ली आयोग के अनुशंसा पर सर्वप्रथम 1 अक्टूबर 1926 को दिल्ली में केंद्रीय लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई ।

इसके पहले अध्यक्ष – सर रोज बार्कर + 4 अन्य सदस्य थे ।

1935 के भारत शासन अधिनियम में नाम बदलकर “फेडरल पब्लिक सर्विस कमीशन ( संघीय लोक सेवा आयोग ) ” किया गया ।

इंडियन सिविल सर्विस ( ICS ) मे सत्येंद्र नाथ टैगोर 1864 ईसवी में सफलता प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय व्यक्ति थे जो रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई थे ।

1871 ईसवी इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले सुरेंद्रनाथ बनर्जी थे ।


नोट: भारत में सिविल सेवा में सुधार हेतु 1874 में सिविल सेवा से बर्खास्त किए गए सुरेंद्रनाथ बनर्जी (1876 में, आनंद मोहन बोस के साथ इंडियन नेशनल एसोसिएशन) ने आंदोलन चलाया

1920 में सुभाष चंद्र बोस द्वारा इंडियन सिविल सर्विस मे चौथा स्थान प्राप्त किए तथा उन्होंने 1921 में त्यागपत्र दे दिया ।

26 जनवरी 1950 में नए संविधान के प्रवर्तन के साथ ही फेडरल सर्विस पब्लिक कमिशन को अनुच्छेद 315 के अधीन स्वयत संस्था के रूप में संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया और नाम बदलकर संघ लोक सेवा आयोग कर दिया गया ।

आजादी के बाद सिविल सेवा का सशक्तिकरण- सरदार पटेल द्वारा किया गया ।

राज्मान्नर समिति में IAS तथा IPS को समाप्त करने की सिफारिश की थी ।

नोट :- राज्मान्नर समिति का गठन 1970 में केंद्र एवं राज्यों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए किया गया था ।

1976 कोठारी आयोग ने तीन स्तरीय परीक्षा प्रणाली की सिफारिश की ।

1989- सतीश चंद्र समिति ने निबंध के पेपर की सिफारिश की ।

2004 – होता समिति ने प्रारंभिक परीक्षा में एप्टिट्यूड के पेपर की सिफारिश की ।

संघ लोक सेवा आयोग का परिचय ( Introduction of Union Public Service Commission )

स्थापना :- 1 अक्टूबर 1926

वर्तमान स्वरूप :- 26 जनवरी 1950 (1935 का अधिनियम)

प्रकृति : स्वतंत्र संवैधानिक निकाय

वर्णन :- भाग – 14 अनु. 315 से 323 तक

प्रमुख कार्य :- समूह A तथा समूह B की केंद्रीय नियुक्ति

मुख्यालय :- नई दिल्ली ( शाहजहां रोड )

प्रथम अध्यक्ष :- रॉस बार्कर (1926-1932)

संघ लोक सेवा आयोग के स्वत्रन्त्रता से पूर्व अंतिम ब्रिटिश अध्यक्ष – F. W. Robertson (1942–1947)

प्रथम भारतीय अध्यक्ष :- एच के कृपलानी (1947-1949)

प्रथम महिला अध्यक्ष : रोज मिलियन बेथ्यू ( रोजी बाथव ) (1992-1996)

प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष – जे.एम. कुरैशी ( 1996-1998 )

वर्तमान अध्यक्ष :- डॉ मनोज कुमार सोनी

वर्तमान सदस्य संख्या :- 5

संघ लोक सेवा आयोग संग्रहालय :- दिल्ली ( धौलपुर )

वेबसाइट :- https://www.upsc.gov.in/

गठन :- अनुच्छेद 315 के तहत

संघ लोक सेवा आयोग की संरचना ( Structure of Union Public Service Commission )

संविधान में संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या का उल्लेख नहीं है यह राष्ट्रपति के विवेक पर छोड़ दिया गया है , जो आयोग की संरचना कर निर्धारण करते हैं ।

संघ लोक सेवा आयोग बहु-सदस्यीय निकाय है आयोग मे एक अध्यक्ष व कुछ अन्य सदस्यों से मिलकर गठित होता है ।

सामान्यतः आयोग में अध्यक्ष सहित 9 से 11 सदस्य होते हैं ।

वर्तमान में लोक सेवा आयोग मे 1 अध्यक्ष के अतिरिक्त 8 अन्य सदस्य है ।

नोट :- लोक सेवा सदस्य नियम 1969 के अनुसार सदस्यों की अधिकतम संख्या 10 हो सकती है ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की योग्यताएं ( Qualification of chairman and member of the Union Public Service Commission )

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की योग्यताओ का उल्लेख संविधान में नहीं किया गया है परंतु यह आवश्यक है कि संघ लोक सेवा आयोग के आधे सदस्य वे होंगे जिन्हें किसी संघ सरकार या राज्य सरकार के अधीन न्यूनतम 10 वर्ष कार्य करने का अनुभव रखते हो ।

अध्यक्ष एवं सदस्यों की सेवा शर्ते राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती हैं ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति ( Appointment of chairman and member of the Union Public Service Commission )

आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है ।

नोट :- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है।

आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के लिए शपथ का प्रावधान नही है ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य का कार्यकाल ( Tenure of chairman and member of the Union Public Service Commission )

संविधान के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तारीख से 6 वर्ष या अधिकतम 65 वर्ष की आयु ( इनमें से जो पहले हो ) तक होता है ।

नोट :- राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु तक ( इनमें से जो भी पहले हो ) अपने पद पर रह सकते हैं।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का वेतन ( Salary of chairman and member of the Union Public Service Commission )

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के वेतन तथा भत्ते व पेंशन भारत की संचित निधि पर भारीत होते हैं अतः इन पर संसद में मतदान नहीं किया जा सकता है I

वर्तमान में अध्यक्ष का वेतन 2,50,000 और सदस्यों का वेतन 2,25,000 रुपए है I

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों सदस्यों की सेवा शर्तें ( service condition of chairman and member of the Union Public Service Commission )

संविधान ने राष्ट्रपति को अध्यक्ष तथा सदस्यों की सेवा की शर्ते निर्धारित करने का अधिकार दिया है।

आयोग के सदस्यों की सेवा शर्तों में उनकी नियुक्ति के पश्चात कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का त्यागपत्र ( resignation letter of chairman and member of the Union Public Service Commission )

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य स्वेच्छा से किसी भी समय राष्ट्रपति को संबोधित कर अपना त्यागपत्र दे सकते हैं ।

नोट :- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप सकते है ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का निष्कासन ( Process of removal of chairman and member of the Union Public Service Commission )

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को कार्यकाल के पहले भी राष्ट्रपति द्वारा संविधान में वर्णित प्रक्रिया के माध्यम से हटाया जा सकता है। इन्हे निम्नलिखित परिस्थितियों में पद से निष्कासन किया जा सकता है :-

a ) दिवालिया होने पर ।
b ) पदावधि के दौरान अन्यत्र वैतनिक कार्यो में संलग्न होने पर ।
c ) शारीरिक, मानसिक विकृत होने पर ।

राष्ट्रपति इन मामलों में बिना उच्चतम न्यायालय की रिपोर्ट के आधार पर पद से हटा सकता है ।


राष्ट्रपति आयोग के अध्यक्ष या दूसरे सदस्यों को उनके साबित कदाचार एवं दुर्व्यवहार के कारण भी पद से हटा सकता है किंतु ऐसे मामलों में राष्ट्रपति को यह मामला जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में भेजना होता है। अगर सुप्रीम कोर्ट जांचोपरांत बर्खास्त करने का परामर्श देता है तो राष्ट्रपति को वह सलाह मानना बाध्यकारी होती है। जांच के दौरान राष्ट्रपति संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व दूसरे सदस्यों को निलंबित कर सकता है ।

कदाचार के बारे में संविधान कहता है कि संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्य को कदाचार का दोषी माना जायेगा यदि :-

वह भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी संविदा या करार से संबंधित हो अथवा निगमित कंपनी के अन्य सदस्यों के साथ सम्मिलित रूप से संविदा या करार में लाभ के लिए भाग लेता हो ।

नोट :- राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों को राष्ट्रपति हटा सकता है, न कि राज्यपाल ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की पुनः नियुक्ति ( Re – appointment of chairman and member of the Union Public Service Commission )

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य को उसी पद पर पुनः नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष (कार्यकाल के बाद ) भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी ओर नियोजन (नौकरी) का पात्र नहीं हो सकता ।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का सदस्य (कार्यकाल के बाद) संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या किसी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा लेकिन भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी ओर नियोजन का पात्र नहीं होगा ।

नोट :- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य राज्यपाल या अन्य कोई संवैधानिक पद पर उनकी नियुक्ति संभव है ।

नोट :- 1979 में उच्चतम न्यायालय में संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष ए.आर किदवई की बिहार के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति को वैध ठहराया। इनमें व्यवस्था दी, कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद’ है, और यह सरकार के अधीन कोई रोजगार नहीं है ।

संघ लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष ( Acting chairman of Union Public Service Commission )

राष्ट्रपति दो परिस्थितियों में संघ लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकता

1. जब अध्यक्ष का पद रिक्त हो ।

2. जब अध्यक्ष अनुपस्थित हो अथवा अन्य दूसरे कारणों से नहीं कर पा रहा हो ।

कार्यवाहक अध्यक्ष तब तक कार्य करता है जब तक अध्यक्ष पुनः अपना काम नहीं संभाल लेता या अध्यक्ष फिर से नियुक्त ना हो जाए ।

संघ लोक सेवा आयोग के कार्य ( Function of the Union Public Service Commission )

अखिल भारतीय सेवाए ( IAS, IPS IFS), केन्द्रीय सेवाए ( NDA, CDS, भारतीय विदेश सेवा , स्वास्थ्य सेवा, डाक, सचिवालय सेवा ) केन्द्र शासित सेवाओं में नियोक्ति हेतु परिक्षाओ का आयोजन करना

दो या दो से अधिक राज्यों अपेक्षा पर विशेष संयुक्त भर्ती परिक्षाओ का आयोजन

राज्यपाल के अनुरोध तथा राष्ट्रपति की सिफारिश पर राज्यों को सलाह प्रदान करना ।

राष्ट्रपति द्वारा मांगे जाने पर किसी अन्य मामलो पर सलाह देना ।

संघ लोक सेवा आयोग का प्रतिवेदन या रिपोर्ट ( Union Public Service Commission Report )

संघ लोक सेवा आयोग प्रत्येक वर्ष अपने कार्यों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को देता है ।

राष्ट्रपति इस रिपोर्ट को जिन मामलों में आयोग की सलाह स्वीकृत नहीं की गई हो संसद के दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तुत करता है ।

संघ लोक सेवा आयोग स्वायत्तता / स्वतंत्रता ( Freedom of of the Union Public Service Commission )

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्यों को राष्ट्रपति संविधान में वर्णित आधारों पर ही हटा सकते है। इसलिए उन्हें पदावधि की सुरक्षा प्राप्त है ।

हालांकि अध्यक्ष या सदस्य की सेवा की शर्तें राष्ट्रपति निर्धारित करते है लेकिन नियुक्ति के बाद इनमें अलाभकारी परिवर्तन नहीं किये जा सकते है ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य को वेतन, भत्ते व पेंशन सहित भारत की संचित निधि से प्राप्त होते है। इन पर संसद में मतदान नहीं होता है ।

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य कार्यकाल के पश्चात भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन नौकरी ( नियोजन) के पात्र नही होते हैं

सदस्य कार्यकाल पश्चात upsc का अध्यक्ष या राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पात्र होगा, किन्तु नियोजन ( सेवा ) का पात्र नही होगा

सदस्य राज्यपाल या अन्य संवैधानिक पद पर नियक्ति सम्भव है ( क्योकि यह पद भारत व राज्य सरकार के अधीन नही है )

संघ लोक सेवा आयोग की सीमाएं ( Limitations of the Union Public Service Commission )

निम्नलिखित विषयों पर संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श नहीं किया जाता।

पिछड़ी जाति की नियुक्तियों पर आरक्षण देने के मामले में।

सेवाओं व पद पर नियुक्ति के लिए अनुसूचित जाति / जनजाति के दावों को ध्यान में रखते हुए।

आयोग या प्राधिकरण की अध्यक्षता या सदस्यता, उच्च राजनीतिक पद, ग्रुप सी व डी सेवाओं के अधिकतर पदों के चयन से संबंधित मामले । किसी पद के लिए अस्थायी नियुक्तियाँ अगर वह व्यक्ति 1 वर्ष से कम समय के लिए पद धारण करता है।

• राष्ट्रपति UPSC के दायरे से किसी पद सेवा व विषय को हटा सकता है।

• संविधान के अनुसार राष्ट्रपति अखिल भारतीय सेवा व केन्द्रीय सेवा के संबंध में नियम बना सकता है।

• जिसके लिए UPSC से परामर्श की आवश्यकता नहीं है। • परन्तु इस तरह बनाये गये नियम को राष्ट्रपति को कम-से-कम 14 दिनों तक के लिए संसद के सदन में रखना होगा। संसद चाहे तो उसे खारिज या संशोधित कर सकती हैं। प्रतिवेदन

• अनुच्छेद 323 के तहत् आयोग द्वारा प्रतिवर्ष अपना प्रतिवेदन राष्ट्रपति को सौंपा जाता है जिसे राष्ट्रपति
स्पष्टीकरण के साथ संसद के समक्ष रखवाता है।

• आयोग के सुझाव सलाहकारी प्रकृति के होते है।

अखिल भारतीय सेवाएँ
(All India Services)

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)
( Indian Administrative Service )

प्रारम्भ 1858
गठन : 1950
जनक: सरदार वल्लभ भाई पटेल

प्रशिक्षण : लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी (उत्तराखण्ड)

भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
( Indian Police Service )

प्रारम्भ : 1905
गठन : 1948
जनक : लार्ड कैनिंग

प्रशिक्षण: सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद, (तेलंगाना)

भारतीय वन सेवा (IFS)
( Indian Forest Service )

प्रारम्भ : 1864
गठन : 1966
जनक : डायट्रिच ब्रैंडिस

प्रशिक्षण: इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून (उत्तराखण्ड)

संघ लोक सेवा आयोग के महत्वपूर्ण अनुच्छेद ( Important Articles of the Union Public Service Commission )

अनु . 315 :- संघ लोक सेवा आयोग , राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग तथा संयुक्त लोक सेवा आयोग का गठन

अनु . 316 :- लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति तथा कार्यकाल

अनु . 317 :- लोक सेवा आयोग के सदस्यों की बर्खास्ती एवं निलंबन

अनु . 318 :- लोक सेवा आयोग के सदस्य ने कर्मचारियों की सेवा शर्ते संबंधी नियम बनाने की शक्ति – संसद

अनु . 319 :- लोक सेवा आयोग के सदस्यों द्वारा सदस्यता समाप्ति के पश्चात पद पर बने रहने पर रोक

अनु . 320 :- लोक सेवा आयोगों के कार्य

अनु . 321 :- लोक सेवा आयोग के कार्यों को विस्तारित करने की शक्ति – संसद

अनु . 322 :- लोक सेवा आयोगों का खर्च – संचित निधि

अनु . 323 :- लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन – (लोक सेवा आयोग – राष्ट्रपति को, राज्य लोक सेवा आयोग राज्यपाल को )

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सूची ( List of Chairman of Union Public Service Commission )

क्र.नामकार्यकाल
1सर रोज बार्कर1926-1932
2सर डेविड पेट्री1932-1936
3सर आयर गार्डन1937-1942
4सर. एफ. डब्ल्यु रॉबर्टसन1942-1947
5एच. के. कृपलानी1947-1949
6आर. एन. बैनर्जी1949-1955
7एन. गोविंदराजन1955-1958
8वी. एस. हेजमादी1955-1961
9बी. एन. झा1961-1967
10के. आर. दामले1967-1971
11आर. सी. एस. सरकार1971-1973
12डॉ. ए. आर. किदवई1973-1979
13डॉ. एम. एल. सहारे1979-1985
14एच. के. एल. कपूर1985-1990
15जे. पी. गुप्ता1990-1992
16श्रीमति आर. एम. वैथ्यू (खारबुलि)1992-1996
17एस. जे. एस. चटवाल1996-1996
18जे. एम. कुरैशी1996-1998
19ले. जन. (सेवानिवृत) सुरेंद्र नाथ1998-2002
20पी. सी. होता2002-2003
21माता प्रसाद2003-2005
22डॉ. एस. आर. हाशिम2005-2006
23गुरबचन जगत2006-2007
24सुबीर दत्ता2007-2008
25डी. पी. अग्रवाल2008-2014
26श्रीमती रजनी राजदान2014-2014
27दीपक गुप्ता2014-2016
28अलका सिरोही2016-2017
29डेविड सियामीलोह2017-2018
30विजय मित्तल2018-2018
31अरविंद सक्सेना2018-2020
32प्रदीप जोशी2020 – 2022
33डॉ मनोज कुमार सोनी2022 – अब तक

अन्य ( Others )

स्वतंत्रता के समय आयोग में 1 अध्यक्ष तथा 4 सदस्य थे

Also Read

राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक संवैधानिक / सांविधिक संस्थाएँ

• भारत निर्वाचन आयोग

• राज्य निर्वाचन आयोग

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग

• नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

 नीति आयोग

• मानवाधिकार आयोग

महिला आयोग

• बाल संरक्षण आयोग

• अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग

• पिछड़ा वर्ग आयोग

• सूचना आयोग

• केंद्रीय सतर्कता आयोग

• राष्ट्रीय हरित अधिकरण

• खाद्य संरक्षण आयोग

1 thought on “संघ लोक सेवा आयोग mppsc|Sangh lok seva aayog mppsc unit – 10 hindi”

Leave a Comment