केंद्रीय सतर्कता आयोग के वर्तमान अध्यक्ष , प्रथम अध्यक्ष , अध्यक्ष list , अध्यक्ष का कार्यकाल, आयोग की स्थापना ,गठन तथा कार्य | kendriya satarkta aayog in hindi

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केंद्रीय सर्तकता आयोग केन्द्र सरकार में भ्रष्टाचार रोकने के लिये एक प्रमुख संस्था है।

सतर्कता :- सरकारी अधिकारियों तथा सरकारी तंत्र पर निगरानी रखना ।

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केंद्रीय सतर्कता आयोग की पृष्ठभूमि ( Background )

1941 :- भारत सरकार द्वारा विशेष पुलिस स्थापना इसका कार्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत की युद्ध और आपूर्ति विभाग के साथ लेन-देन में रिश्वत तथा भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना था ।

1946 :- दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम लागू किया गया इसका कार्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा रिश्वत और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना था ।

1962 :- भारत सरकार द्वारा भ्रष्टाचार निवारण से संबंधित संथानम समिति के का गठन किया गया ।

1963 :- संथानम समिति की सिफारिश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( CBI ) की स्थापना गृह मंत्रालय के प्रस्ताव द्वारा की गई ।

1964 :- संथानम समिति की सिफारिश पर सरकार द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना की गई जिसका कार्य सतर्कता के मामले में केंद्र सरकार को सलाह देना और उसका मार्गदर्शन करना है ।

1997 :- विनीत नारायण बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI की भूमिका की आलोचना करते हुए निर्देश दिया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग को CBI के ऊपर एक पर्यवेक्षक भूमिका सौंपी जानी चाहिए ।

1998 :- उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुसार केंद्र सरकार के एक अध्यादेश द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग को सांविधिक दर्जा दिया गया ।

2003 :- केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2003 द्वारा आयोग के सांविधिक दर्जे की पुष्टि कर दी गई तथा इसे बहु सदस्यी निकाय बना दिया गया ।

2004 :- केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम संशोधन 2004

2011 :- व्हिसल ब्लोअर संरक्षण विधेयक-2011

2013 :- लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013

2014 :- सूचना प्रदाता संरक्षण अधिनियम ( विहसल ब्लोअर सरक्षण अधिनियम ) , 2014

केंद्रीय सतर्कता आयोग का परिचय ( Introduction )

स्थापना ( Establishment) :- 11 फरवरी 1964

प्रकृति ( Nature ) :- प्रारंभ में कार्यकारी और 1998 के बाद सांविधिक और सलाहकारी निकाय है ।

मुख्यालय ( Hadquarter ) :- नई दिल्ली

प्रथम केंद्रीय सतर्कता आयुक्त :- निटूर श्रीनिवास राऊ ( N.S. राऊ ) ( 1964 – 68 )

वर्तमान केंद्रीय सतर्कता आयुक्त :- प्रवीण कुमार श्रीवास्तव

मंत्रालय ( Ministry ) :- यह किसी भी मंत्रालय विभाग के अधीन नहीं है यह एक स्वतंत्र निकाय है हालांकि इसका नोडल मंत्रालय कार्मिक मंत्रालय है। यह केवल संसद के प्रति उत्तरदाई है ।

मुख्य कार्य :- सतर्कता के मामलों में केन्द्र सरकार को सलाह देना और उसका मार्गदर्शन करना है ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग की संरचना ( structure of CVC )

केंद्रीय सतर्कता आयोग एक बहु-सदस्यी संस्था है , जिसमें एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त ( अध्यक्ष ) और अधिकतम दो सतर्कता आयुक्त ( सदस्य ) शामिल होते हैं।

योग्यता ( Qualification )

अध्यक्ष व सदस्य का अखिल भारतीय सेवा में या संघ की किसी भी सिविल सेवा में पद में रह चुके है या जिनके पास सतर्कता नीति बनाने और प्रशासन जिसके अंतर्गत पुलिस प्रशासन भी है से संबंधित विषयों का ज्ञान और अनुभव हो I

नियुक्ति ( Appointment )

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है इस समिति में प्रधानमंत्री , गृह मंत्री और लोकसभा के विपक्ष के नेता शामिल होते हैं तथा प्रधानमंत्री इस समिति का अध्यक्ष होते है ।

नोट :- लोकसभा में जब किसी भी नेता को विपक्ष के नेता का दर्जा प्राप्त ना हो तो उस स्थिति में लोकसभा में सरकार के विपक्ष में एकल सबसे बड़े समूह का नेता विपक्ष का नेता समझा जाएगा ।

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त या सतर्कता आयुक्त की कोई नियुक्ति समिति में किसी व्यक्ति के कारण अविधिमान्य नहीं होगी ।

शपथ ( Oath )

राष्ट्रपति द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग का कार्यकाल

केंद्रीय सतर्कता आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से 4 वर्ष या 65 ( इनमें से जो पहले ) तब होता है ।

कार्यकाल की समाप्ति के पश्चात अध्यक्ष व सदस्य पुनर्नियुक्ति के पात्र नहीं होते हैं ।

वे अपने कार्यकाल / सेवानिवृत्ति के पश्चात् केन्द्र अथवा राज्य सरकार के आधीन किसी भी पद को धारण नहीं कर सकते है ।

वेतन एवं भत्ते

केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (अध्यक्ष) व सतर्कता आयुक्त (सदस्य) के वेतन भत्ते एवं अन्य सेवा शर्तें संघ लोक सेवा आयोग ( UPSC ) के अध्यक्ष व सदस्यों के समान होती है ।

नियुक्ति के पश्चात् वेतन भत्तों में अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता ।

त्यागपत्र ( Resign )

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सतर्कता आयुक्त राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपने पद से त्यागपत्र दे सकते हैं ।


अन्य आधार

(1) दिवालिया घोषित होने पर ।

(2) मानसिक या शारीरिक कारणों से कार्य करने में असमर्थ हो (राष्ट्रपति के अनुसार)।

(3) कार्यकाल के दौरान कोई अन्य वेतन / लाभ के पद को ग्रहण करता हो ।

( 4 ) कोई अपराध करने पर कारावास से दंडित होने पर ।

पदच्युत करने की विधि ( Process of removal )

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त व सतर्कता आयुक्त को उसी प्रकार हटाया जाता है जिस प्रकार से संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को हटाया जाता है।

राष्ट्रपति किसी भी समय पद से हटा सकता है

आधार :- साबित कदाचार या असमर्थता के आधार पर
उच्चतम न्यायालय ( SC ) से जांच के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर

रिपोर्ट

केन्द्रीय सतर्कता आयोग अपने वार्षिक कार्यकलापों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है और राष्ट्रपति इस रिपोर्ट को संसद के प्रत्येक सदन में प्रस्तुत करता है।

CVC की वार्षिक रिपोर्ट न केवल उसके द्वारा किए गए कार्यों का विवरण देती है, बल्कि सिस्टम विफलताओं को भी सामने लाती है जो विभिन्न विभागों / संगठनों, प्रणाली में सुधार, विभिन्न निवारक उपायों और उन मामलों में भ्रष्टाचार की ओर ले जाती है जिनमें आयोग की सलाह की अनदेखी की गई थी आदि ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग का अधिकार क्षेत्र

अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्य जो संघ के विषय क्षेत्रों में सेवा दे रहे हैं और केंद्र सरकार के समूह ‘A’ के अधिकारी ।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में श्रेणी-V तथा उससे उच्च स्तर के अधिकारी

भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड तथा सिडबी में ग्रेड ‘D’ तथा इससे उच्च स्तर के अधिकारी ।

अनुसूची ‘A’ तथा ‘B’ सार्वजनिक उपक्रमों में मुख्य कार्यपालक, कार्यपालक मण्डल तथा E-8 एवं इससे उच्च स्तर के अन्य अधिकारी।

अनुसूची ‘C’ तथा ‘D’ सार्वजनिक उपक्रमों में मुख्य कार्यपालक, कार्यपालक मण्डल तथा E-7 एवं इससे ऊपर के अन्य अधिकारी।

सामान्य बीमा कंपनियों में प्रबंधक एवं इससे ऊपर के अधिकारी।

जीवन बीमा निगमों में वरिष्ठ मण्डलीय प्रबंधक एवं इससे ऊपर के अधिकारी ।

समितियों तथा अन्य स्थानीय प्राधिकरणों में अधिसूचना की तिथि को तथा समय-समय पर यथासंशोधित अनुरूप केंद्र सरकार डी. ए. प्रतिमान पर 8700/- रुपये प्रतिमाह तथा इससे ऊपर वेतन पाने वाले अधिकारी ।

समूह ‘B’, ‘C’ और ‘D’ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संबंध में लोकपाल द्वारा भेजी गई शिकायतों की प्रारंभिक जाँच करने का अधिकार ।

समूह ‘A’ अधिकारियों के संबंध में प्रारंभिक जाँच हेतु आयोग में एक जाँच निदेशालय स्थापित करने का अधिकार ।

समूह ‘A’ और ‘B’ अधिकारियों के संबंध में लोकपाल द्वारा संदर्भित ऐसे मामलों में प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट आयोग द्वारा लोकपाल को भेजना आवश्यक है।

आयोग को यह अधिदेश भी है कि समूह ‘C’ और ‘D’ के अधिकारियों के संबंध में ऐसे लोकपाल संदर्भों में आगे की जाँच (प्रारंभिक जाँच के बाद) कराए तथा उनके विरुद्ध आगे की जाने वाली कार्रवाई का निर्णय करने का अधिकार ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग का अध्यक्ष और सदस्य वित्त मंत्रालय के तहत गठित होने वाले प्रवर्तन निदेशालय ( Directorate General of Economic Enforcement ) के अध्यक्ष की चयन समिति का हिस्सा होते हैं


केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्य

केंद्रीय सतर्कता आयोग भ्रष्टाचार या कार्यालयों के दुरुपयोग से संबंधित शिकायतें सुनता है और इस दिशा में कार्यवाही के लिए सिफारिश करता है ।

निम्नलिखित संस्थाएं निकाय या व्यक्ति केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं

1) केंद्र सरकार

2) लोकपाल

3) सूचना प्रदाता / मुखबिर / सचेतक ( Whistle Blower )


केंद्रीय सतर्कता आयोग कोई अन्वेषण एजेंसी नहीं है यह सीबीआई के माध्यम से या सरकारी कार्यालयों में मुख्य सतर्कता अधिकारियों के माध्यम से मामले की जांच कराता है ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग लोक सेवकों की कुछ श्रेणीयो द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत किए गए अपराध की जांच की समीक्षा करने की शक्ति रखता है ।

केन्द्रीय सर्तकता आयोग को मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेशन अधिनियम 2002 के तहत् संदेह पद कार्यों या लेन-देन संबंधी सूचना को प्राप्त करने का विशेषाधिकार दिया गया है ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग की वार्षिक रिपोर्ट आयोग द्वारा दिए गए कार्यों का विवरण देती है और उन प्रणालीगत विफलताओं को इंगित करती है जिनके परिणाम स्वरूप सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार होता है रिपोर्ट में सुधार और निवारण उपाय भी सुझाए जाते हैं ।

केंद्रीय सरकार द्वारा भेजे गए किसी संदर्भ पर जांच करना अथवा जांच या अन्वेषण करवाना केंद्रीय सरकार तथा इसके संगठनों को ऐसे मामलों पर सलाह देना जो इनके द्वारा आयोग को भेजे जाएंगे विभिन्न केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों विभागों तथा केंद्र सरकार के संगठनों के सतर्कता प्रशासन पर अधीक्षण रखना ।

केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन

1. सचिवालय

2. मुख्य तकनीकी परीक्षक खंड

3. विभागीय जांच आयुक्त

धाराएं

धारा 3 गठन व संरचना
धारा 3(1)गठन
धारा 3(2)संरचना
धारा 3(3)योग्यता
धारा 3(4)सचिव
धारा 3(6)मुख्यालय – नई दिल्ली
धारा 4(1)नियुक्ति
धारा 5(7)वेतन
धारा 6हटाना
धारा 7नियम
केंद्रीय सतर्कता आयोग

व्हिसल ब्लोअर्स रेजोल्यूशन

वर्ष 2003 में एक मुखबिर / सचेतक श्री सत्येंद्र दुबे की हत्या पर दायर रिट याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि जब तक एक विधान का निर्माण नहीं कर लिया जाता तब तक के लिये मुखबिरों की सूचना पर कार्रवाई हेतु एक तंत्र का निर्माण किया जाए।

इस निर्देश का अनुसरण करते हुए भारत सरकार ने सार्वजनिक हित प्रकटीकरण और सूचना प्रदाता संरक्षण संकल्प (Public Interest Disclosure and Protection of Informers Resolution- PIDPI), 2004 को अधिसूचित किया:

इस संकला को लोकप्रिय रूप से व्हिसल ब्लोअर्स रेजोल्यूशन के रूप में जाना जाता है। इसने भ्रष्टाचार या पद के दुरुपयोग के संबंध में कोई भी आरोप या शिकायत प्राप्त करने और उस पर कार्रवाई करने वाली एजेंसी के रूप में केन्द्रीय सतर्कता आयोग को नामित किया गया ।


PIDPI संकल्प के तहत शिकायत दर्ज कराते समय शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखने की जिम्मेदारी आयोग को सौंपी गई है ताकि सूचना प्रदाता को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान की जा सके ।

व्हिसल ब्लोअर संरक्षण विधेयक 2011

व्हिसल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम 2014

इंटीग्रिटी इंडेक्स डेवलपमेंट (Integrity Index Development- IID)

IID सार्वजनिक संगठनों के पारदर्शी, उत्तरदायी और कुशल शासन को दर्शाता है।

सतर्कता आयोग ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद को एक अनुसंधान-आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए एक इंटीग्रिटी इंडेक्स के निर्माण का कार्य सौंपा है। इसका उपयोग विभिन्न संगठन स्वयं के मूल्यांकन के लिये करेंगे और बदलती आवश्यकताओं के साथ इसका विकास होता जाएगा।

केंद्रीय सतर्कता आयोग अध्यक्ष list

क्र.नामकार्यकाल
1.एन. एस. राउ1964- 1968
2.एस. दत्त1968- 1972
3.बी. के. आचार्य1972- 1977
4.एम. जी. पीम्पूत्तकर1977- 1980
5.आर. के. त्रिवेदी1980- 1982
6.आर. पी. खन्ना1982 -1985
7.यू. सी. अग्रवाल1985 -1988
8.सी. जी. सोमैया1988- 1990
9.विजय शेखरन1990- 1995
10.एस. वी. गिरी1995- 1998
11.एन. विठ्ठल1998- 2002
12.पी. शंकर2002- 2006
13.प्रत्यूष सिन्हा2006- 2010
14.पी. जे. थॉमस2010- 2011
15.प्रदीप कुमार2011- 2014
16.राजीव2014- 2015
17.के. वी. चौधरी2015- 2019
18.संजय कोठारी2020-2021
19.सुरेश एन पटेल2021-2022
20.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
21.

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