MP Lok Seva Ayog । मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग

हेलो दोस्तों इस पोस्ट में MPPSC के वर्तमान अध्यक्ष 2024 , आयोग के अध्यक्ष की लिस्ट , First chairman of mppsc , आयोग के सदस्य , आयोग में अधिकतम कितने सदस्य होंगे , आयोग के गठन एवं कार्य का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है , इसलिए अंत तक जरूर पढ़े ।

Table of Contents

राज्य लोक सेवा आयोग की पृष्ठभूमि ( State Public Service Commission )

भारत शासन अधिनियम 1935 द्वारा प्रांतो में लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया गया ।

26 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत राज्य में लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया गया ।

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से पहले मध्य भारत आयोग था ।

भोपाल तथा विंध्य क्षेत्र हेतु कोई आयोग नहीं था इनकी परीक्षाएं UPSC आयोजित करता था ।

1 नवंबर 1956 को संविधान के अनुच्छेद 315 तथा राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 118 (3) के तहत राष्ट्रपति के आदेश द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुशंसा पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन किया गया ।

मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग का परिचय (Introduction of the M.P. State Public Service Commission )


अधिसूचना :- 27 अक्टूबर 1956

स्थापना ( Established ) :- 1 नवंबर 1956

प्रकृति ( Nature ) :- स्वतंत्र संवैधानिक निकाय

वर्णन :- भाग – 14 अनु. 315 से 323 तक

प्रमुख कार्य :- राज्य की सेवाओं में नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का आयोजन

मुख्यालय ( Headquarters ) :- इंदौर

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष

प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष श्री डी. बी. रेगे थे

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष 2024

वर्तमान में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष Honorable Dr. Rajesh Lal Mehra है

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्तमान में सदस्य

वर्तमान में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के दो सदस्य है –

1.Honorable Shri Chandrashekhar Raikwar

2.Honorable Dr. Krishna Kant Sharma

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्तमान में सचिव

वर्तमान में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्तमान में सचिव Shri Prabal Sepaha (IAS) है

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन कब हुआ ?

राज्य पुनर्गठन आयोग अधिनियम 1956 की धारा 118(3) के तहत मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ।

Madhaya pradesh lok seva aayog ka parichay

मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग की संरचना ( Structure of M.P. State Public Service Commission )

संविधान में राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या का उल्लेख नहीं है यह राज्यपाल के विवेक पर छोड़ दिया गया है , जो आयोग की संरचना कर निर्धारण करते हैं ।

राज्य लोक सेवा आयोग बहु-सदस्यीय निकाय है आयोग मे एक अध्यक्ष व कुछ अन्य सदस्यों से मिलकर गठित होता है ।

वर्तमान में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग मे 1 अध्यक्ष के अतिरिक्त 2 अन्य सदस्य है ।

नोट :- मध्य प्रदेश लोक सेवा सदस्य नियम 1973 के अनुसार सदस्यों की अधिकतम संख्या 7 हो सकती है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की योग्यताएं ( Qualification of chairman and member of the State Public Service Commission )

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की योग्यताओ का उल्लेख संविधान में नहीं किया गया है परंतु यह आवश्यक है कि राज्य लोक सेवा आयोग के आधे सदस्य वे होंगे जिन्हें किसी संघ सरकार या राज्य सरकार के अधीन न्यूनतम 10 वर्ष कार्य करने का अनुभव रखते हो ।

अध्यक्ष एवं सदस्यों की सेवा शर्ते राज्यपाल द्वारा निर्धारित की जाती हैं ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति ( Appointment of chairman and member of state Public Service Commission )

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है ।

नोट :- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।

आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के लिए शपथ का प्रावधान नही है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य का कार्यकाल ( Tenure of chairman and member of the State Public Service Commission )

संविधान के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तारीख से 6 वर्ष या अधिकतम 62 वर्ष की आयु ( इनमें से जो पहले हो ) तक होता है ।

नोट :- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्य 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक ( इनमें से जो भी पहले हो ) अपने पद पर रह सकते हैं।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का वेतन ( Salary of chairman and member of the Union Public Service Commission )

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के वेतन भत्ते पेंशन तथा अन्य खर्च राज्य की संचित निधि पर भारीत होते हैं अतः राज्य के विधान मंडल द्वारा इस पर मतदान नहीं होता ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों सदस्यों की सेवा शर्तें ( service condition of chairman and member of the State Public Service Commission )

संविधान ने राज्यपाल को अध्यक्ष तथा सदस्यों की सेवा की शर्ते निर्धारित करने का अधिकार दिया है।

आयोग के सदस्यों की सेवा शर्तों में उनकी नियुक्ति के पश्चात कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का त्यागपत्र ( resignation letter of chairman and member of the State Public Service Commission )

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य स्वेच्छा से किसी भी समय राज्यपाल को संबोधित कर अपना त्यागपत्र दे सकते हैं ।

नोट :- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंप सकते है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का निष्कासन ( Process of removal of chairman and member of the State Public Service Commission )

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को कार्यकाल के पहले भी राष्ट्रपति द्वारा संविधान में वर्णित प्रक्रिया के माध्यम से हटाया जा सकता है। इन्हे निम्नलिखित परिस्थितियों में पद से निष्कासन किया जा सकता है :-

a ) दिवालिया होने पर ।
b ) पदावधि के दौरान अन्यत्र वैतनिक कार्यो में संलग्न होने पर ।
c ) शारीरिक, मानसिक विकृत होने पर ।

राष्ट्रपति इन मामलों में बिना उच्चतम न्यायालय की रिपोर्ट के आधार पर पद से हटा सकता है ।

राष्ट्रपति आयोग के अध्यक्ष या दूसरे सदस्यों को उनके साबित कदाचार एवं दुर्व्यवहार के कारण भी पद से हटा सकता है किंतु ऐसे मामलों में राष्ट्रपति को यह मामला जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में भेजना होता है। अगर सुप्रीम कोर्ट जांचोपरांत बर्खास्त करने का परामर्श देता है तो राष्ट्रपति को वह सलाह मानना बाध्यकारी होती है। जांच के दौरान राष्ट्रपति राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व दूसरे सदस्यों को निलंबित कर सकता है ।

अर्थात राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को राष्ट्रपति पद से उसी आधार पर हटा सकते हैं जिन आधारों पर संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को हटाया जाता है ।

नोट :- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार तो राज्य के राज्यपाल को है किंतु किसी भी सदस्य को हटाने की शक्ति उसके पास नहीं है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की पुनः नियुक्ति ( Re – appointment of chairman and member of State Public Service Commission )

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य को उसी पद पर पुनः नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य कार्यकाल के बाद भारत सरकार या कि राज्य सरकार के अधीन किसी और नियोजन (नौकरी) का पात्र नहीं होता है ।

राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष (कार्यकाल के बाद ) किसी दूसरे राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य या संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बन सकता है।

राज्य लोक सेवा आयोग का सदस्य (कार्यकाल के बाद) उसी राज्य के लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या अन्य राज्य के लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य या संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बन सकता है ।

नोट :- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य राज्यपाल या अन्य कोई संवैधानिक पद पर उनकी नियुक्ति संभव है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष ( Acting chairman of State Public Service Commission )

राज्यपाल दो परिस्थितियों में राज्य लोक सेवा आयोग के किसी एक सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकता –

1. जब अध्यक्ष का पद रिक्त हो ।

2. जब अध्यक्ष अनुपस्थित हो अथवा अन्य दूसरे कारणों से नहीं कर पा रहा हो ।

कार्यवाहक अध्यक्ष तब तक कार्य करता है जब तक अध्यक्ष पुनः अपना काम नहीं संभाल लेता या अध्यक्ष फिर से नियुक्त ना हो जाए ।

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के कार्य ( Function of the Madhya pradesh Public Service Commission)

राज्य लोक सेवा आयोग राज्य सेवाओं के लिए वहीं काम करता है, जो संघ लोक सेवा आयोग केन्द्रीय सेवाओं के लिए करता है ।

यह राज्य की सेवाओं में नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का आयोजन करता है।

राज्य लोकसेवा आयोग द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारियों की भर्ती करवाता है।

राज्य में सिविल सेवकों की भर्ती का कार्य भी आयोग द्वारा संपादित किया जाता है।

राज्य विधानसभा द्वारा आयोग को लोक सेवाओं के संबंध में सौपे पर गए कार्य करता है ।

लोक सेवाओं में नियुक्ति , पदोन्नति , एक सेवा से दूसरी सेवा में स्थानांतरण के विषय में सलाह देता है ।

राज्य के राज्यपाल द्वारा निर्देशित किसी विषय पर सलाह देने का कार्य करता है ।

राज्य लोक सेवा आयोग का प्रतिवेदन रिपोर्ट( State Public Service Commission Report)

राज्य लोक सेवा आयोग प्रत्येक वर्ष अपने कार्यों की रिपोर्ट राज्यपाल को देता है ।

राज्यपाल इस रिपोर्ट के साथ-साथ ऐसे ज्ञापन विधानमंडल समक्ष प्रस्तुत करता है जिसमें आयोग द्वारा अस्वीकृत मामले और उनके कारणों का वर्णन किया जाता है ।

राज्य लोक सेवा आयोग स्वायत्तता/स्वतंत्रता ( Freedom of the State Public Service Commission)

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्यों को राष्ट्रपति संविधान में वर्णित आधारों पर ही हटा सकते है। इसलिए उन्हें पदावधि की सुरक्षा प्राप्त है ।

हालांकि अध्यक्ष या सदस्य की सेवा की शर्तें राज्यपाल निर्धारित करते है लेकिन नियुक्ति के बाद इनमें अलाभकारी परिवर्तन नहीं किये जा सकते है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य को वेतन, भत्ते व पेंशन सहित राज्य की संचित निधि से प्राप्त होते है। इन पर राज्य विधान मंडल में मतदान नहीं होता है ।

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य कार्यकाल के पश्चात भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन नौकरी ( नियोजन) के पात्र नही होते हैं ।

राज्य लोक सेवा आयोग की सीमाएं ( Limitations Of State Public Service Commission)

निम्नलिखित विषयों पर राज्य लोक सेवा आयोग से परामर्श नहीं किया जाता यह कार्य आयोग के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।

पिछड़ी जाति की नियुक्तियों पर आरक्षण देने के मामले में।

सेवाओं व पद पर नियुक्ति के लिए अनुसूचित जाति / जनजाति के दावों को ध्यान में रखते हुए।

राज्यपाल राज्य लोक सेवा आयोग के दायरे से किसी पद सेवा व विषय को हटा सकता है।

संविधान के अनुसार राज्यपाल राज्य सेवा व पदों से संबंधित नियमन बना सकता है इसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग से संपर्क करने की जरूरत नहीं है परन्तु इस तरह बनाये गये नियम को राज्यपाल को कम-से-कम 14 दिनों तक के लिए राज्य विधान मंडल के समक्ष रखना होगा। राज्य विधान मंडल चाहे तो उसे खारिज या संशोधित कर सकती हैं।

राज्य लोक सेवा आयोग के सुझाव सलाहकारी प्रकृति के होते है अर्थात यह सुझाव सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होते हैं।

Training Academy of MP Lok Seva Ayog

1. लाल बहादुर शास्त्री
राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी

यह हमारे देश का सर्वप्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है।

इसकी स्थापना 1959 में मसूरी (उत्तराखण्ड) में हुई थी।

वर्तमान में यह कार्मिक मंत्रालय के अधीन है।

2. सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी

1948 को माउंट आबू (राजस्थान) में केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण कालेज की स्थापना हुई थी।

आन्तरिक आपातकाल के दौरान इसे हैदराबाद स्थानान्तरित कर दिया गया था

कोहली समिति की सिफारिश पर नाम परिवर्तित कर सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अक

यह गृह मंत्रालय के अधीन है।

3. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी

1938 में इंडियन फॉरेस्ट कॉलेज की स्थापना देहरादून में की गई।

1987 में इसका नाम बदलकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी कर दिया गया ।

यह पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन कार्य करती है ।

4. विदेश सेवा संस्थान

1986 में भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय अध्ययन स्कूल, नई दिल्ली के स्थान पर विदेश सेवा संस्थान की स्थापना हुई।

5. आर. सी. व्ही. पी. नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल

यह मध्य प्रदेश का सर्वोच्च प्रशिक्षण संस्थान हैं।

यह मध्य प्रदेश सरकार, भारत सरकार व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है।

6. जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर

यह मध्य प्रदेश का सबसे प्राचीन प्रशिक्षण संस्थान है।

इसे 1906 में पुलिस स्कूल के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे 1936 में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के रूप में परिवर्तित कर दिया गया ।

1986 में इसका नाम जंवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी कर दिया गया।

राज्य लोक सेवा आयोग के महत्वपूर्ण अनुच्छेद ( Important Articles of State Public Service Commission)

अनु . 315 :- संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग का गठन

अनु . 316 :- लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति तथा कार्यकाल

अनु . 317 :- लोक सेवा आयोग के सदस्यों की बर्खास्ती एवं निलंबन

अनु . 318 :- लोक सेवा आयोग के सदस्य ने कर्मचारियों की सेवा शर्ते संबंधी नियम बनाने की शक्ति

अनु . 319 :- लोक सेवा आयोग के सदस्यों द्वारा सदस्यता समाप्ति के पश्चात पद पर बने रहने पर रोक

अनु . 320 :- लोक सेवा आयोगों के कार्य

अनु . 321 :- लोक सेवा आयोग के कार्यों को विस्तारित करने की शक्ति – संसद

अनु . 322 :- लोक सेवा आयोगों का खर्च – संचित निधि

अनु . 323 :- लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन – (लोक सेवा आयोग – राष्ट्रपति को, राज्य लोक सेवा आयोग राज्यपाल को )

Chairman of MP Lok Seva Ayog

क्रमांक नामकार्यकाल
1.श्री डी वी रेगे1956-1957
2.श्री एस. सी. सेठ1957-1960
3.श्री एसपी मु समनरान1960-1963
4.श्री आर. राधाकृष्णन1963-1969
5.श्री एम .पी . श्रीवास्तव1969-1972
6.श्री के. सी. तिवारी1972-1974
7.श्री के एन सिन्हा1974-1978
8.श्री एन सुंदरम1978-1984
9.श्री एम बी पी ट पीटर1984-1986
10.श्री एसआई शर्मा1986-1991
11.श्री जे. एन. कौल 1992-1996
12.ओमप्रकाश मेहर राव1996-1999
13.विनय शंकर दुबे2000-2006
14.श्री प्रदीप कुमार जोशी2006-2011
15.श्री अशोक कुमार पांडे2012-2015
16.श्री विपिन व्यवहा2015-2017
17.श्री श्री भास्कर चौबे2018-2020
18. श्री राजेश लाल मेहरा 2021
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नोट :- मुझे उम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष , अध्यक्ष की लिस्ट ,आयोग के सदस्य ,आयोग में अधिकतम सदस्यों की संख्या , गठन एवं कार्य पसंद आया होगा , आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं तथा अपने दोस्तों तक शेयर करें।

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