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रोबोटिक्स का परिचय ( Introduction to Robotics )
रोबोट एक प्रकार की मशीन है जो एक या एक से अधिक कार्यों को तेज गति से और सटीक तरह से स्वचालित ( automatic ) रूप से कर सकती है
Robotic शब्द Robot से आया जिसे चेक लेखक कारेल कापेक ने अपने नाटक R.U.R. ( Rossum’s Universal Robots ) में परिचय करवाया था
Robot शब्द Robota , जो एक चेक शब्द है से आया है जिसका अर्थ होता है बंधुआ मजदुर या गुलाम
रोबोटिक्स क्या है एवं कैसे कार्य करता है
रोबोटिक्स में रोबोट का अध्ययन किया जाता है जिसमें रोबोट निर्माण , उसकी डिजाइन , संचालन एवं अनुप्रयोग का अध्ययन किया जाता है
रोबोटिक्स विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की एक शाखा है रोबोट निर्माण तीन पीढ़ियों से होकर गुजरा है
प्रथम पीढ़ी केवल औद्योगिक कार्य कराए गए
दूसरी पीढ़ी कैमरे और सेंसर के प्रयोग से अन्वेषण के कार्यों में इसका इस्तेमाल किया गया
तीसरी पीढ़ी वर्तमान में इस में मानसिक विश्लेषण(artificial intelligence)कराने का कार्य चल रहा है
प्रथम औद्योगिक रोबोट यूनिमेट है जिसकी खोज अमेरिकी शोधकर्ता जॉर्ज देवाल और जोसेफ एंजलबर्गर की बड़ी भूमिका थी
फादर ऑफ मॉडर्न रोबोटिक्स (रोबोटिक्स के जनक) जोसेफ एंजलबर्गर है
रोबोटिक्स के पितामह (ग्रैंडफादर) जॉर्ज देवाल है
रोबोट के प्रमुख घटक ( Main Components of Robot )
सेंसर ; इफेक्टर ; एक्चुएटर या मोटर ; मैनिपुलेटर; कंट्रोल सिस्टम , पावर सोर्स, पर्यावरण संपर्क और नेविगेशन , कृत्रिम बुद्धिमता
सेंसर ( sensor )
इसकी मदद से आप-पास के वातावरण के बारे में सूचना संग्रह करते हैं Ex कैमरा ;थर्मामीटर ; बैरोमीटर ; लाइट डिटेक्टर एंड रेंजिंग वातावरण की 3D तस्वीर के लिए यूज़ होता है
एक्चुएटर या मोटर ( actuator or motor )
इसे रोबोट की मांसपेशियां कहा जाता है यह मूवमेंट के लिए लगाए जाते हैं
मैनिपुलेटर ( manipulator )
रोबोट के जोड़ों (joints) और अक्षों के संयोजन से मैनिपुलेटर की रचना होती है यह रोबोट का चलायमान हिस्सा है इससे जोड़ आपस में गतिमान करते हैं यह रोबोट को किसी वस्तु को उठाने उसे मॉडिफाई करने तथा नष्ट करने में सहायता करता है
कंट्रोल सिस्टम ( control system )
यह रोबोट के मस्तिष्क का प्रतिरूप होता है इससे ही रोबोट का व्यवहार निर्देशित होता है इसमें डिजिटल कंप्यूटर का यूज होता है
पावर सोर्स ( power source )
पावर सोर्स के लिए वर्तमान में लेड बैटरी का प्रयोग किया जाता है भविष्य में सौर ऊर्जा एवं नाभिकीय उर्जा के प्रयोग की संभावनाएं हैं
पर्यावरण संपर्क और नेविगेशन ( Environmental interaction and navigation )
इसका उपयोग चालक रहित कार के लिए किया जा रहा है
कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial Intelligence )
रोबोट के पास स्वयं का दिमाग नहीं होता है. रोबोट बनाते समय उसमें इस तरह की प्रोग्रामिंग की जाती है कि किसी भी कंडीसन में यह प्रोग्रामिंग के अनुसार निर्णय ले सके एवं कार्य कर सके यहाँ रोबोट का कृत्रिम दिमाग होता है जिसे हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहते हैं | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से एक रोबोट सभी चीजें सीखता है इसके अतिरिक्त इसमें डीप लर्निंग की प्रोसेस भी शामिल होती है, डीप लर्निंग की प्रोसेस में रोबोट धीरे धीरे अपने अनुभव के आधार पर सीखता है |
रोबोट के प्रकार ( Types of Robots )
उपयोगिता के आधार पर रोबोट के प्रकार ( Types of Robots Based on Utility )
औद्योगिक रोबोट(INDUSTRIAL ROBOT)
इनका उपयोग औद्योगिक विनिर्माण क्षेत्र में वेल्डिंग और पेंटिंग जैसे कार्यों में होता है
घरेलू रोबोट(DOMESTIC ROBOT)
इनका उपयोग घरेलू कार्यों के लिए किया जाता है रोबोटिक वेक्यूम क्लीनर; रोबोटिक पूल क्लीनर और स्वीपर्स जैसे उपकरण लगे होते हैं
मेडिकल रोबोट (MEDICAL ROBOT)
चिकित्सा कार्यों और चिकित्सा संस्थानों में उपयोगी
Ex-सर्जरी रोबोट
सैन्य रोबोट (MILITARY ROBOT)
यह सैन्य उद्देश्यों में उपयोगी है
Ex- बम निरोधक रोबोट ; परिवहन रोबोट ; टोही विमान ड्रोन
मनोरंजन रोबोट (Entertainment Robot)
खिलौना रोबोट रनिंग अलार्म रोबोट
अंतरिक्ष रोबोट ( SPACE ROBOT )
अंतरिक्ष कार्यों में उपयोगी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशनों में उपयोग किया जाता है
Ex- चंद्रयान 2 मिशन में लगा रोवर
सहायक रोबोट ( ASSISTIVE ROBOT )
अस्पतालों और घरों में रोगी बूढ़े व्यक्ति के कार्यों में सहयोगी
गतिशीलता के आधार पर रोबोट के प्रकार ( Types of Robots Based on Mobility )
स्थिर रोबोट (stationary robot)
यह स्थिर रहकर कार्य करते हैं इसमें पहियों की आवश्यकता नहीं होती है Ex वेल्डिंग रोबोट
सचल या गतिमान रोबोट
इसमें सेंसर और पहिए लगे होते हैं यह औद्योगिक उद्देश हेतु बेहद उपयोगी होते हैं इसमें नियंत्रित करने के लिए भारी-भरकम आधारभूत ढांचे की आवश्यकता नहीं होती है Ex स्पाइन रोबोट
तकनीक के आधार पर रोबोट के प्रकार ( Types of Robots Based on Technology )
ह्यूमनॉइड रोबोट ( HUMANOID ROBOT )
HUMANOID ROBOT की बनावट मानव शरीर जैसे होती है इसमें सिर धड़ हाथ और पांव होते हैं Ex-सोफिया एवं अटलस
नैनो रोबोट (Nano Robots)
नैनो रोबोट को NANOBOT के नाम से भी जाना जाता है इसमें प्रयुक्त उपकरण नैनोमीटर ( 10^-9 m ) के सूक्ष्म पैमाने पर निर्मित किया जाता जा सकता है
दूर संचालित रोबोट (TRLEOPERATED ROBOT)
यह सुदूर स्थानों में मनुष्य द्वारा नियंत्रित किया जाता है इन रोबोट्स ने मेक्सिको की खाड़ी में हुए तेल रिसाव का पता करने में मदद की है तथा इनकी मदद से डॉक्टर दूर बैठे किसी मरीज का इलाज भी कर सकते हैं Ex – ड्रोन ; मानव नियंत्रित पनडुब्बियों
प्री-प्रोग्राम्ड रोबोट ( Pre Programmed Robot )
प्री प्रोग्राम्ड रोबोट एक ही कार खाट कार्य को बार-बार संपन्न करता है
स्वायत्त या स्वतंत्र रोबोट (AUTONOMOUS ROBOT)
AUTONOMOUS ROBOT के लिये मानवीय संसाधन की आवश्यकता नहीं होती है इसे स्वचालित रोबोट भी कहते हैं इसमें सेंसर लगे होते हैं जिनसे यह अपने आसपास के वातावरण से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां जुटा लेते हैं
Ex:- रूमबा वैक्यूम क्लीनर स्वायत्त रोबोट का उदाहरण है सेंसर का उपयोग करके पूरे घर में स्वतंत्र क्लीनिंग का काम करता है
ऑगमेंटिंग रोबोट ( AUGMENTING ROBOT )
यह सीधे तौर पर मनुष्य के अंगो से जुड़े होते हैं तथा मनुष्य के अंगो का बर्ताव ही इनकी काम करने के ढंग को तय करता है यह मनुष्य के किसी ऐसे सरीरिक कौशल को बढ़ा सकते हैं जो दुर्घटना या किसी अन्य कारण से कम हो गया हो |
स्वार्म रोबोट ( SWARM ROBOT )
SWARM ROBOT एक साथ छोटे-छोटे कणों के रूप में बड़ी संख्या में होते हैं तथा एक दूसरे के साथ प्रभावी ढंग से radio-frequency या किसी अन्य यांत्रिक उपकरण का उपयोग कर बातचीत कर सकते हैं |
माइक्रो रोबोट (Micro ROBOTS)
1 mm से कम आकार वाले मोबाइल रोबोट है तथा माइक्रोमीटर के आकार के घटकों को संभालने में सक्षम है
रोबोट के अनुप्रयोग ( Robot applications )
उद्योग क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग ( Applications of Robots in Industry )
रोबोट का सबसे बड़ा फायदा इंसान के लिए यह है कि यह थकता नहीं है और बिना किसी रूकावट के कार्य करता रहता है इसके काम करने की सटीकता इंसानों से कहीं अधिक होती है
ऐसा अनुमान है कि अमेरिका और जापान जैसे देशों में औद्योगिक कार्यों के लिए प्रतिवर्ष 35% रोबोटों का उपयोग बढ़ता जा रहा है
कुछ रोबोट मुख्यतः औद्योगिक कार्यों में इस्तेमाल होते हैं जैसे
Point to point robot यह पहले से निर्धारित कई बिंदुओं में कार्य करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं जैसे निश्चित स्थान पर स्टीकर चिपकाने , बिल्डिंग , ड्रिलिंग आदि कार्यों में
Pick and place robot यह रोबोट किसी वस्तु को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर रखने की प्रक्रिया की गति को तेज करते हैं
निरंतर मार्ग रोबोट ( Countinuous path robot ) यह point-to-point पद्धति का विस्तार करने वाला रोबोट है यह स्प्रे और पेंटिंग जैसे कार्यो में इस्तेमाल किया जाता है
एक्सो एस्केलेटन ( Exoskeleton ) यह किसी मानव की मौजूद क्षमता में बढ़ोतरी करने का काम करने वाले रोबोट हैं यह रोबोट भारी से भारी ऑटोमोबाइल कलपुर्जों को आसानी से उठा सकते हैं
ब्रावो ( BRABO ) – TAAL मैन्युफैक्चरिंग सलूशन ने 2017 में पहले भारतीय औद्योगिक रोबोट को लांच किया तथा भारत के सूक्ष्म ; लघु और मध्यम उद्यमों के लिए स्वदेशी स्तर पर विकसित किया गया है
अंतरिक्ष क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग ( Robot applications in the space sector )
अंतरिक्ष में खोज करने के लिए नासा ने कई रोबोट विकसित किए हैं
अंतरिक्ष में सबसे प्रसिद्ध रोबोटों में आर्बिट्स, रोवर्स तथा लैण्डर्स है।
रोबोनॉट (ROBONAUT) नासा द्वारा बनाया गया HUMANOID रोबोट है यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ काम करने के लिए बनाया गया था
रोबोनॉट-1पहला रोबोनॉट था
रोबोनॉट-2 वर्तमान में कार्य कर रहा है इसे 2011 में अंतरिक्ष में भेजा गया यह अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत में मरम्मत भी कर सकता है
FEDOR(Final Experimental Demonstration object Research ) यह रूसी Humanoid रोबोट है इसका 2021 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर परिचालन शुरू होगा यह केवल अंतरिक्ष में ही कार्य नहीं बल्कि पृथ्वी पर भी काम कर सकता है यह जीवन के लिए खतरनाक क्षेत्रों में इंसानों की जगह लेगा अंतरिक्ष में पहले से भेजे गए रोबोट SAR-400 ; SAR-401(रूस निर्मित ) ROBONAUT -2 (अमेरिका ) AILA (जर्मनी) ज्योतियान (चीन )
Valkyri -नासा द्वारा बनाया जा रहा एक Humanoid रोबोट है जो मंगल में कालोनियों का निर्माण करने का काम करेगा
माइटी ईगल( MIGHTY EAGLE ) – नासा द्वारा तैयार एक लैंडर है जिसमें तीन पहिए लगे हैं यह एक हरित यान हैं अर्थात इसमें ईंधन के रूप में 90% हाइड्रोजन पराक्साइड का उपयोग किया जाता है यह ग्रही पिंडों की सतह पर वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों में उपयोग किया जाता है
स्पाइडरनॉट (Spidernaut) :- एक मकड़ी रोबोट (Arachnid) है, यह नासा (NASA) द्वारा डिजाइन किया गया है।
स्पेस प्रोब (Space Probe) :- रोबोटिक अंतरिक्ष यान जिसे ‘स्पेस प्रोब’ (Space Probe) कहते हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग ( Applications of robots in medicine )
रोबोटिक्स प्रोस्थेटिक ( Robotic Prosthetics ) रोबोटिक प्रणाली का प्रयोग करके कटे हुए हाथ या पैर के स्थान पर किया जाता है जो प्राकृतिक अंगों के समान कार्य करते हैं यह पूर्ण स्वचालित अंग होते हैं जो मस्तिष्क से प्राप्त तंत्रिका संकेतों को कार्य में बदल देते हैं
रोबोटिक ऑर्थोटिक्स ( Robotic Orthotics ) इस रोबोटिक्स प्रणाली का प्रयोग लकवा ग्रस्त अंगों को बल देने के लिए किया जाता है इसे प्रभावित अंग पर लगाया जाता है
रोबोटिक नर्स ( Robotic Nurse ) इसका प्रयोग मरीजों की देखभाल और स्वास्थ संबंधी आंकड़े लेने में किया जाता है जैसे Helpmate ( व्हील रोबो नर्स ) FLO ( स्थिर रोबो नर्स )
रोबोटिक सर्जरी का प्रयोग मुख्य रूप से मस्तिष्क के ऑपरेशन में किया जाता है इससे आसपास के अंगों को नुकसान कम होता है और समय कम लगता है
वर्ष 2007 में आयरलैंड में कार्क यूनिवर्सिटी के मेटरनिटी अस्पताल में पहली बार गाइनेकोलॉजिकल सर्जरी में रोबोट का इस्तेमाल किया गया था
नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने दिसंबर 2016 में रोबोटिक आर्म की सहायता से मस्तिष्क के ऐसे हिस्से में पहुंचकर सर्जरी करने में सफलता पाई जहां बीमारी की पहचान के लिए जांच उपकरण नहीं पहुंच पाते हैं
माइक्रो रोबोटिक्स माइक्रो रोबोट अत्यंत छोटे होते हैं इन्हें पाचन तंत्र में प्रवेश कराया जा सकता है जहां यह स्वचालित तरीके से कार्य करते हुए अल्सर की बीमारी का इलाज करने में सहायता कर सकते हैं
सैन्य क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग ( Applications of Robots in the military field )
रोबोट तकनीकी ने जबरदस्त बदलाव लाया हुआ है ड्रोन रिमोट कंट्रोल विमान है इसका प्रयोग जासूसी करने , बिना आवाज किए मिसाइल हमला करने आदि में किया जाता है
बोस्टन डायनॉमिक्स रोबोट डॉग का उपयोग विभिन्न प्रकार के भारी , वाहनों युद्ध क्षेत्र प्रयोग किए जाने वाले उपकरण आदि को सघन जंगलों , बर्फ की घाटियों के बीच से होकर ले जाने हेतु किया जाता है
दक्ष ( DAKSH ) – यह DRDO द्वारा निर्मित रोबोट है जो विद्युतई रिमोट कंट्रोल रोबोट है इसका उपयोग विस्फोटक का पता लगाने और उसे सुरक्षित रूप से नष्ट करने के लिए किया जाता है इसे बम डिफ्यूज करने हेतु भी उपयोग किया जाता है
Andros तथा Mini Andros रोबोट का उपयोग बम रोधी दस्ते के रूप में किया जाता है
आपदा प्रबंधन क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग ( Applications of Robots in Disaster Management Field )
रोबोट आपदा के समय मानव सहायता के रूप में कार्य कर सकते हैं इन्हें खतरनाक और विषम परिस्थितियों में भेजा जा सकता है
हैदराबाद स्थित साइंस सोसाइटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे रोबोट का विकास कर लिया है जो भूकंप के मलबे में फंसे जीवित व्यक्तियों का पता लगा सकता है
एटलस – यह आग में फंसे हुए व्यक्तियों को निकाल सकता है
स्नेक रोबोट्स (SNAKE ROBOTS) – यह सांप जैसे दिखते हैं इनका उपयोग आपदा प्रबंधन ( खोज एवं बचाव ) में उपयोगी है यह छोटी सी जगह में भी बचाओ अभियान में मदद कर सकता है
पायनियर( PIONEER ) नाम के रोबोट को चेर्नोबिल परमाणु रिएक्टर के संयंत्र 4 के संरचना विश्लेषण के लिए भेजा गया था
वर्ष 2011 में जापान में हुए फुकुशिमा परमाणु हादसे से निपटने में भी रोबोट की ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
मलेशिया विमान MH – 370 के दुर्घटनाग्रस्त होने पर ब्लैक बॉक्स की खोज के लिए Blue fin- 21 नाम के रोबोटिक पनडुब्बी को भेजा गया था
कृषि क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग ( Robot applications in agriculture )
पश्चिमी देशों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में रोबोट का प्रयोग किया जाता है
प्रमुख रोबोट
डीआरडीओ द्वारा निर्मित रोबोट ( Robots manufactured by DRDO )
दूर से संचालित वाहन (ROV :- REMOTELY OPERATED VEHICLE )दक्ष
ROV विस्फोटक उपकरण पहचान और हैंडलिंग के लिए बहुमुखी उपकरण है। इसका उपयोग परमाणु और रासायनिक संदूषण स्तरों के सर्वेक्षण और निगरानी के लिए भी किया जा सकता है
मानव रहित हवाई वाहन ( UAV UNMANNED AERIAL VECHICLE )’नेत्रा’
इस मिनी यूएवी को निगरानी अनुप्रयोगों के लिए विकसित किया गया है। यह बैटरी संचालित है, और विस्तृत निगरानी के लिए ज़ूम के साथ डे कैमरा से लैस है। इसमें रात के संचालन के लिए एक वैकल्पिक थर्मल इमेजर भी है।
सीमित स्थान दूर से संचालित वाहन (CSROV Confined Space Remotely Operated Vehicle )
DAKSH MINI एक बैटरी चालित ट्रैक्टेड वाहन है यह टेलीस्कोपिक मैनिपुलेटर आर्म के साथ संदिग्ध वस्तुओं को निकालने में सक्षम है।
निगरानी दूर से संचालित वाहन (SROV Surveillance Remotely Operated Vehicle) DAKSHA- SCOUT
अस्पष्टीकृत आयुध हैंडलिंग रोबोट
Unexploded Ordnance Handling Robot( UXOR ) 1 किलोमीटर दूर से 1000 किलोग्राम तक के अन एक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस अर्थात बम और मिसाइल को संभालना और पता लगाना
अन्य
सोफिया रोबोट( SOPHIA ROBOT )
निर्माता – हैंसन रोबोटिक्स
अविष्कारक – डेविड हैंसन
देश – हॉन्ग कोंग
निर्माण वर्ष 2016 सन रोबोटिक्स
यह रोबोट अपने चेहरे के हाव-भाव बदल सकती है तथा लोगों से बातचीत भी कर सकती है
इसे 2017 में सऊदी अरब ने अपने देश की नागरिकता प्रदान किया है तथा रोबोट को नागरिकता प्रदान करने वाला विश्व का पहला देश सऊदी अरब बन गया है
सोफिया रोबोट को हॉलीवुड अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न
की तरह दिखने वाला बनाया गया है
भारत में इसे 2017 में टेक फेस्ट मे प्रदर्शित किया गया
नवंबर 2017 में सोफिया को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम का पहला गैर मानव नवाचार चैंपियन ( United nation development program’s the fist non human innovation champion ) नामित किया गया |
चतुरोबोट( CHATUROBOT )
यह DRDO तथा CAIR द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है इसमें दृश्य सेंसर लगे हैं तथा यह रोबोट एक दृश्य क्षेत्र में किसी भी क्रम में रखी वस्तुओं को पहचान करने और उन्हें उठाने में सक्षम है |
Mighty Eagle
Mighty Eagle नासा द्वारा विकसित प्रोटोटाइप रोबोटिक लेंडर
मोबेल रोबोट (MABEL ROBOT)
यह दो पैरों वाला रोबोट है इसका निर्माण 2009 में मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह 6.8 मील प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है
Asimo
Asimo होंडा कंपनी द्वारा निर्मित ह्यूमनॉइड रोबोट है इसे वर्तमान में जापान के टोक्यो में मिरिकन संग्रहालय में प्रदर्शित किया
Robonaut
Robonaut नासा द्वारा निर्मित ह्यूमनॉइड रोबोट है |
रोबोअर्थ ( ROBOEARTH )
यह रोबोट के लिए वर्ल्ड वाइड वेब(WWW) है इसमें कई रोबोट्स को इंटरनेट के उपयोग से एक दूसरे से बातचीत करने में मदद मिलेगी
Wakamaru
Wakamaru एक जापानी रोबोट है जिसका मुख्य उद्देश्य मानव के साथ नेचुरल कम्युनिकेशन करना है
Atlas
Atlas अमेरिकन रोबोटिक्स कंपनी बोस्टन डायनामिक्स द्वारा निर्मित दो पैरों वाला रोबोट है
कोलैबोरेटिव रोबोट
यह मनुष्य के सहायता के लिए निर्मित रोबोट होते हैं तथा इसमें औद्योगिक रोबोट की तरह मनुष्य को नुकसान पहुंचाने की संभावना खत्म कर दी जाती है
SPOT ROBOT ( Robo dog )
यह गूगल द्वारा निर्मित चार पैरों वाला रोबोट है जो घरेलू एवं बाहरी कार्य कर सकता है
Sam Robot
यह दुनिया का पहला वर्चुअल पॉलिटिशियन है जो न्यूजीलैंड के मतदाताओं की इच्छा से प्रेरित है
एम ब्लॉक्स(M-Blocks)
यह मॉड्यूलर रोबोट का एक प्रकार है इसे बनाने के लिए Cubes प्रयोग किया जाता है यह cubes गतिशील होते हैं यह औद्योगिक और मरम्मत कार्य के लिए उपयोग किए जाते हैं
Claytonics
यह नैनो रोबोट्स होते हैं यह वस्तु को बनाने के लिए एक साथ जुड़ सकते हैं प्रत्येक बिंदु को मूलभूत इकाई कैटॉम( CATON-Clytronic Atom)कहते हैं इसमें रंग बदलने की भी क्षमता होती|
Ornithopter
जो रोबोट पक्षियों की तरह अपने पंखों से उड़ते हैं Ornithopter robot कहलाते हैं Ex – Robo Bee , Delfly
भारत में रोबोटिक्स ( robotics in india )
CAIR भारत मे रोबोटिस के क्षेत्र में कार्य करने वाली अग्रणी संस्था है यहाँ रोबोटिक और कृत्रिम बुद्धिमता से सम्बंधित मूल अनुसंधान शुरू किये गए है
शुरूआती दौर मे यह संस्था DRDO के साथ कार्य कर रक्षा क्षेत्र के लिए रोबोट का विकास करती थी लेकिन वर्तमान में यह स्वायत्त रूप से विभिन्न क्षेत्रो मे रोबोट के उपयोग सम्बन्धी अनुसंधान कर रही
भारत में रोबोटिक्स क्षेत्र में हिंदुस्तान मशीन टूल्स के अनुसंधान और विकास विभाग, केंद्रीय मशीन टूल्स संस्थान (MIT), आईआई टी मद्रास, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू हैदराबाद विज्ञान सोसाइटी कार्य कर रहे हैं
भारतीय स्पेस एजेंसी ने भी स्पेस मिशन हेतु HUMANOID रोबोट व्योम मित्र बनाया है
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन
यह गैर-लाभकारी (नॉट-फॉर-प्रॉफिट) संस्था है जिसकी स्थापना 2014 में की गई।
यह विभिन्न गतिविधियों में संलग्न है और इसने भारत में रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और उसके निर्माण के लिये कई कार्यक्रम शुरू किये हैं।
यह रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन और शिक्षा उद्योग में मानक निर्धारित करता है, संगठनों और पेशेवरों को कठिन तकनीकी समस्याओं के समाधान में मदद करता है, जबकि साथ ही उनके नेतृत्व और व्यक्तिगत कैरियर क्षमताओं में वृद्धि लाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा रोबोटिक केंद्र ( CAIR ) Center For Artificial Intelligence and Robotics की की स्थापना 1986 मे बेंगलुरु मैं की गई थी
रोबोटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना 10 जुलाई 2011 में हुई RSI का प्रमुख कार्य रोबोटिक्स क्षेत्र में विकास व शोध कार्य कराना है। साथ ही RSI दो वर्ष के अंतराल में ‘एंडवांस इन रोबोटिक्स’ (AIR) का आयोजन
करता है। AIR आयोजन वर्ष तथा स्थान
वर्ष स्थान
2013 पुणे
2015 गोवा
2017 दिल्ली
2019 चेन्नई
2021 कानपुर (प्रस्तावित)
ई यंत्र परियोजना ( Project e-Yantra )
यह परियोजना iit-bombay द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रही है तथा इसे कॉलेज स्तर पर रोबोटिक से जुड़ी आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए एक पहल के तौर पर आरंभ किया गया है
CAIR के उपलब्धियाँ ( CAIR’s achievements )
रोबोसेन : सशस्त्र सेना बलो, अर्द्धसैनिक बलों तथा पुलिस के पेट्रोलिंग, बचाव व निगरानी का उपयोग करने वाले लक्षित मोबाइल रोबोट सिस्टम हैं
स्नेक रोबोट :– एक मोबाईल रोबोट सर्प की आकृति का विश्लेषण करके डिजाइन किया गया है, ताकि आपदा के समय बचाव कार्य में सहायता मिल सके तथा निर्माण क्षेत्र जैसे पाइप आदि का निरीक्षण करने हेतु आसानी हो सके।
भारत के प्रमुख रोबोट ( India’s top robots )
ब्राबो (BRABO)
टाटा ऑटो कंपनी सिस्टम लिमिटेड (टीएएल) मैन्युफैक्चरिंग सॉल्यूशंस ने अप्रैल 2017 में पहले भारतीय औद्योगिक रोबोट ब्रावो का अनावरण किया। ब्रावो का डिजाइन और निर्माण कार्य टीएएल के पुणे स्थित कारखाने में हुआ है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों की कमी को पूरा करना
ड्रोन भीम ( Drone Bhima )
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी ) खड़गपुर के छात्रों ने भीम नाम का भारत का स्वदेशी सुपर पावर ड्रोन बनाया है।
चतुरोबोट
डीआरडीओ और बेंगलुरू में एक रोबोटिक्स कंपनी ने मिलकर चतुरोबोट (Chaturobot) का विकास किया है। इसमें दृश्य संवेदक (Visual Sensors) लगे होते हैं।
मानव
मानव भारत का पहला 3डी प्रिन्टेड ह्यूमनॉयड रोबोट है।
व्योममित्र
इसरो के प्रथम मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान गगनयान में यात्रियों की सहायता के लिए महिला ह्यूमनॉयड रोबोट व्योममित्र का निर्माण किया गया है। इसे जनवरी, 2020 को बैंगलुरू में प्रस्तुत किया गया। इस रोबोट में स्वयं परिचय देकर लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया।
अन्य ( Other )
मध्यप्रदेश के उज्जैन में देश की प्रथम रोबोटिक कंट्रोल वेधशाला स्थापित की गई है।
‘भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड’ (BEL) प्रथम भारतीय उद्योग है, जिसने उत्पादन स्तर पर स्वदेशी रोबोट का विकास किया। इसने ‘पिक एंड प्लेस (Pick and Place) प्रकार के रोबोट का विकास किया।
रश्मि दुनिया की पहली हिन्दी भाषी और भारत की पहली यथार्थवादी लिप-सिंकिंग ह्यूमेनॉइड रोबोट है, जो प्रोग्रामर रंजीत श्रीवास्तव द्वारा विकसित की गई, यह चार भाषाओं अंग्रेजी, हिन्दी, भोजपुरी, और मराठी में बोल सकती है, इसे 1 अगस्त 2018 को लॉन्च किया गया।
PUMA ( Programmable Universal Machine For Assembly ) :- यह एक औद्योगिक रोबोट भुजा है, जिसे विक्टर स्हीमैन ने अग्रणी रोबोट कंपनी Unimation में विकसित किया है।
भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू ने माइक्रोप्रोसेसर आधारित रोबोट का विकास किया है।
कुंभकोणम (तमिलनाडु) के सिटी यूनियन बैंक ने नवम्बर 2016 में भारत का पहला बैंकिंग रोबोट ‘लक्ष्मी’ लॉन्च किया।
त्रि-आयामी मुद्रण तकनीक (3-D Printing Technology) केरल के हृदय रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने बालक की हृदय विकृति को ठीक करने में 3-D प्रिंटिंग तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है। वस्तुतः 3-D प्रिंटर एक औद्योगिक रोबोट है।
ड्रोन ‘भीम’ हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के छात्रों ने ‘भीम’ नाम का देश का स्वेदशी सुपर पावर ड्रोन बनाया है।
चतुरोबोट– रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा रोबोटिकी केन्द्र (CAIR) ने संयुक्त रूप से इस विलक्षण रोबोट को बनाया है, जिसमें दृश्य सेंसर लगे हैं।
ब्राबो (BRABO)– टीएएल मैन्युफैक्चरिंग सॉल्युशंस ने अप्रैल 2017 में पहले भारतीय औद्योगिक रोबोट ब्राबो को लॉन्च किया। इसे भारत के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए स्वदेशी स्तर पर विकसित किया गया है।
भारत में रोबोटिक्स के विकास से जुड़ी अकादमिक गतिविधियों और अनुसंधानकर्ताओं को मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘रोबोटिक्स सोसायटी ऑफ इंडिया’ की स्थापना वर्ष 2011 में हुई।
भारत में रोबोटिक के विकास के लिए प्रीमीयर इस्टीट्यूशन इन इंडिया फॉर रोबोटिक रिसर्च की स्थापना कानपुर में की गई।
भारत में प्रथम रोबोटिक सर्जरी 2010-11 में AIIMS नई दिल्ली में की गई जहाँ थायमस ग्रन्थि को Myasthesnia Gravis नामक बीमारी से बचने के लिए निकाला गया।
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (Bhabha Atomic Research Centre BARC) मुम्बई- संचार रोबोट के निर्माण एवं अनुसंधान में सहायक है।
इसरो ने अपने चंद्रयान-2 मिशन में रोवर ‘प्रज्ञान’ का प्रयोग किया है, जो AI आधारित भारत का इसरो द्वारा विकसित रोबोट है।
NICO:- इसका निमार्ण येल University के शोधकर्ताओं के द्वारा किया गया है यह पहला रोबोट है जो अपने आप को आइने में पहचान सकता है उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र मे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है ।
भारत के केरल राज्य के कोच्चि में स्थित रोबोटिक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ‘SASTRA’ ने SCARA नामक रोबोट का विकास किया। जो कई कार्यों जैसे 3D पेंटिंग बनाने, अनाज पीसने इत्यादि कार्य करने में सक्षम है।
अहमदाबाद में ग्रिड बोट (Grid Bot) एवं रोबोट ग्रेड (Robot Grad) नाम के दो रोबोट्स का निर्माण किया गया है, जो घर को साफ रखने में सहायता करते हैं।
REX Robotic Exoskeleton-First Bionic Man:- यह विश्व का पहला बायोनिक मैन रोबोट है इसका निर्माण दुनिया भर से अत्याधुनिक Prosthetic या कृत्रिम ऊंगों को प्राप्त करके किया गया है।
Soft Robotics :- यह रोबोटिक्स की नयी शाखा है जिसमे रोबोट के सभी भाग मुलायम तथा लचीले बनाए जाते है, Soft Robot की विशेषता यह होती है कि अत्यंत सीमित स्थान में गमन कर सकते है अपने आकार में परिवर्तन कर सकते है तथा अपने चलने के तरीके को बदल सकते है
Swarm Robotics :- इसमे ऐसे रोबोट का निर्माण किया जाता है कि जो कई स्वतंत्र इकाईयों में बटे होते है जिसे युनिट रोबोट कहा जाता है। यह सभी एक दूसरे से मिलकर बडे रोबोट का निर्माण कर सकते हैं या किसी बड़े कार्य को संपादित कर सकते है। Swarm Robotic की प्रेरणा social insects (चीटी, मधुमक्खी, दीमक) से मिली है जो एक साथ मिलकर एक दूसरे को सूचना देते हुए कार्य करते है।
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