इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के सिलेबस की यूनिट 10 के टॉपिक नीति आयोग के सभी पहलुओं को कवर करेंगे जिससे परीक्षा के सभी प्रश्न हल किए जा सकें
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पृष्ठभूमि ( Background )
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात भारत में विकास हेतु पंचवर्षीय मॉडल को अपनाया पंचवर्षीय मॉडल के क्रियान्वयन हेतु 15 मार्च 1950 को योजना आयोग का गठन किया गया ।
योजना आयोग की कमियों को देखते हुए 15 अगस्त 2014 को केंद्र की मोदी सरकार ने 65 वर्ष पुराने योजना आयोग को समाप्त कर दिया तथा इसके स्थान पर नीति आयोग के निर्माण की घोषणा की ।
1 जनवरी 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प पर नीति आयोग की स्थापना की गई ।
योजना आयोग ने नियोजन इकाई के रूप में दशकों तक योजनाएं बनाने के काम को अंजाम दिया ।
नीति आयोग एक सलाहकार संस्था है जो सरकार के थिंक टैंक के रूप में सेवाएं देगा और केंद्र व राज्य सरकारों को नीति निर्माण के संबंध में परामर्श उपलब्ध कराएगा ।
नीति आयोग सहकारी संघवाद की भावना पर कार्य करता है क्योंकि यह राज्यों के समान भागीदारी सुनिश्चित करता है इसमें अधिकतम शासन , न्यूनतम सरकार के दृष्टिकोण की परिकल्पना को स्थान दिया गया।
परिचय ( Introduction )
स्थापना ( Establishment ):- 1 जनवरी 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के आदेश द्वारा
प्रकृति ( Nature ) :- कार्यकारी निकाय (केन्द्रीय मंत्रीमण्डल) / गैर वैधानिक / गैर संवैधानिक / थिंक टैंक / सलाहकारी निकाय
उद्देश्य ( Objective ) :- केंद्र व राज्यों को सहकारी संघवाद के आधार पर दीर्घकालिक नीति निर्माण हेतु सलाह देना ।
मुख्यालय ( Headquarter ) :- नई दिल्ली
फुल फॉर्म :- NITI Ayog -National Institute For Transforming India ( राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान )
नीति आयोग की संरचना ( Structure of NITI Aayog )
अध्यक्ष :- भारत का प्रधानमंत्री ( पदेन )
उपाध्यक्ष :- प्रधानमंत्री द्वारा नामित ।
नोट :- उपाध्यक्ष का दर्जा केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है ।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी( CEO ) /सचिव :- एक निश्चित कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त, भारत सरकार के सचिव पद के समकक्ष ।
विशेष आमंत्रित सदस्य – प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ जिनके पास संबंधित क्षेत्र में विशेष ज्ञान एवं योग्यता हो ।
पूर्णकालिक सदस्य :- इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है कार्यकाल निश्चित नहीं है तथा उनका दर्जा भारत सरकार के राज्यमंत्री के बराबर होता है ।
पदेन सदस्य :- प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्री परिषद के अधिकतम 4 सदस्य ।
अंशकालिक सदस्य / तदर्थ सदस्यता :- अग्रणी विश्वविद्यालय ,अनुसंधान संस्थान से बारी बारी से अधिकतम 2 पदेन सदस्य ।
संचालन परिषद् / अधिशासी परिषद ( Governing Council ) : – सभी राज्यों के मुख्यमंत्री , संघ राज्य क्षेत्रों के उपराज्यपाल , जिन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा है वहां के मुख्यमंत्री शामिल होंगे ।
क्षेत्रीय परिषद :- विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री या उसके द्वारा नामित व्यक्ति संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालो की बैठक की अध्यक्षता करता है ।
नोट :- मध्य प्रदेश में अभी नीति आयोग की स्थापना नहीं की गई है अतः मध्य प्रदेश में 24 अक्टूबर 1972 से योजना आयोग काम कर रहा है ।
वर्तमान समय में नीति आयोग के पदाधिकारी
अध्यक्ष :- माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।
नोट :- नीति आयोग के प्रथम अध्यक्ष नरेंद्र मोदी जी हैं ।
उपाध्यक्ष :- डॉ राजीव कुमार ( अर्थशास्त्री )
नोट :- डॉ राजीव कुमार अर्थशास्त्री हैं और यह पहले इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष भी हैं इनकी पुस्तक का नाम ” मोदी एंड हिज चैलेंज ” है ।
नोट – नीति आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया हैं ।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी / सचिव :- अमिताभ कांत
नोट :- प्रथम मुख्य कार्यकारी अधिकारी / सचिव – सिंधुश्री खुल्लर थी ।
पूर्णकालिक सदस्य :-
डॉक्टर विनोद पाल( लोक स्वास्थ्य )
विजय कुमार सारस्वत ( पूर्व D.R.D.O. सचिव )
रमेश चंद्र ( कृषि विशेषज्ञ )
पदेन सदस्य :-
राजनाथ सिंह ( रक्षा मंत्रालय )
निर्मला सीतारमण ( वित्त मंत्रालय )
अमित शाह ( गृह मंत्रालय )
नरेंद्र सिंह तोमर ( केंद्रीय मंत्रालय )
विशेष आमंत्रित :-
नितिन गड़करी (सड़क परिवह मंत्री)
पीयूष गोयल ( वाणिज्य और उद्योग मंत्री )
[ वर्तमान डाटा चेक करने के लिए लिंक – https://www.niti.gov.in/hi/constitution-5 पर विजिट करें ]
नीति आयोग के उद्देश्य ( Objectives of
NITI Aayog )
1) राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने लिए राज्यों के सहभागी भूमिका को बढ़ाकर ” सहकारी संघवाद को बढ़ाना ।
2) ग्रामीण स्तर से विकास कार्य आरंभ ।
3) देश में नवाचार व प्रौद्योगिकी को बढ़ाना ।
4) राज्यों की सक्रिय भागीदारी से विकास ।
5) समाज के पिछड़े वंचित वर्गो का विकास ।
6) Bottom to Top रणनीति ।
7) SDG लक्ष्यों की प्राप्ति ।
8) कृषि व उद्योगों में निवेश व तकनीक को बढ़ाना ।
9) देश में गरीबी तथा बेरोजगारी को समाप्त करना ।
10) शिक्षा व स्वास्थ्य स्तर में सुधार करना ।
11) विकास की प्रक्रिया से वंचित लोगों तक विकास की पहुँच सुनिश्चित करना ।
12) नीति आयोग द्वारा 15 वर्षीय दृष्टिकोण , 7 वर्षीय मध्यकालिक रणनीति तथा 3 वर्षीय कार्य योजना का लक्ष्य रखा गया है ।
नीति आयोग के मार्गदर्शक सिद्धांत ( Guiding principle of NITI Aayog )
1) अंत्योदय
2) अभिशासन
3) समावेशिता
4) ग्राम
5) जनसंख्यात्मक लाभांश
6) जन सहभागिता
7) धारणीयता
नीति आयोग के शाखाएं ( Branches of NITI Aayog )
टीम इंडिया शाखा ( Team India Branch ) – राज्य और केंद्र के बीच इंटरफ़ेस का काम करता है।
ज्ञान व नवाचार शाखा ( थिंक टैंक ) – नीति आयोग के थिंक टैंक की भांति कार्य करता है I
नीति आयोग से संबंधित विभाग
राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र शोध एवं विकास संस्थान ( नरेला दिल्ली 1962 )
विकास निगरानी व मूल्यांकन कार्यालय ( दिल्ली 1954 )
नीति आयोग द्वारा प्रकाशित सूचकांक
1. कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडैक्स ।
2. स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स ।
3. इंडिया इनोवेशन इंडेक्स ।
4. एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स ।
5. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सूचकांक ।
6. निर्यात तत्परता सूचकांक ।
7. इज ऑफ लिविंग इंडेक्स ।
नीति आयोग के समक्ष चुनौतियाँ
विकास प्रक्रिया से गाँवों को संस्थागत रूप से जोड़ना ।
सभी पक्षों में महिला सशक्तिकरण ।
युवाओं के लिए अवसर की समानता ।
नागरिकों की जरूरतों का अनुमान कर प्रत्युत्तर के प्रति आगे बराबर सक्रियता दिखाना ।
भारत के जनसंख्यात्मक लाभांश का उपयोग कर क्षमता का शिक्षा, कौशल विकास, लैंगिक भेदभाव की समाप्ति तथा युवा नर-नारियों की रोजगार के माध्यम से पूरा लाभ उठाना ।
अपने पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय परिसम्पत्ति की सुरक्षा करना।
प्रौद्योगिकी के माध्यम पारदर्शिता स्थापित कर सरकार को दृष्टव्य एवं उत्तरदायी अथवा अनुक्रियात्मक बनाना ।
50 मिलियन छोटे व्यवसायियों को नीतिगत समर्थन जो कि रोजगार सृजन का वृहत्त स्रोत है।
निर्धनता उन्मुलन तथा प्रत्येक भारतीय के लिए गरिमापूर्ण एवं आत्म सम्मान युक्त जीवन का अवसर ।
लैगिंक पूर्वाग्रह, जाति तथा आर्थिक विषमता के आधार पर उपजी असमानता का समाधान ।
सभी समूहों की समावेशिता, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यकों पर विशेष ध्यान ।
जन-समर्थक एजेंडा जो कि समाज के साथ-साथ व्यक्ति की आकांक्षाओं की भी पूर्ति करता है ।
नागरिकों की संलग्नता के माध्यम से सहभागी होना ।
सभी समूहों की संलग्नता के माध्यम से सहभागी होना ।
योजना आयोग एवं नीति आयोग में अंतर
योजना आयोग | नीति आयोग |
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इसका कार्य पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण करना है । | इसका कार्य पंचवर्षीय योजना का निर्माण करना नहीं है इसका कार्य केंद्र और राज्य को नीति निर्माण के संबंध में परामर्श उपलब्ध कराना है |
यह Top-Down Approach पर कार्य करता है | यह Bottom- Up Approach पर कार्य करता है |
इसकी वार्षिक बैठक में राज्यों की भागीदारी बहुत कम है | यह सहकारी संघवाद की भावना पर कार्य करता है क्योंकि यह राज्यों की समान भागीदारी सुनिश्चित करता है |
इसको मंत्रालयों और राज्य सरकारों को धन आवंटित करने की शक्ति प्राप्त है | इसको धन आवंटित करने की शक्ति नहीं है यह शक्ति वित्त मंत्री में निहित है |
योजना आयोग राज्यों के लिए नीतियां बनाता है और स्वीकृत परियोजनाओं के लिए धन आवंटित करता है | नीति आयोग को नीतियां लागू करने का अधिकार नहीं है |
योजना आयोग में सचिवों को सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त किया जाता था | नीति आयोग में प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त सचिवों को CEO के रूप में नियुक्त किया जाता है |
योजना आयोग में क्षेत्रीय मामलों के लिए क्षेत्रीय परिषद नहीं है | नीति आयोग में क्षेत्रीय मामलों के लिए क्षेत्रीय परिषद है |
अन्य तथ्य ( Other facts )
अभिनव भारत 75
नीति आयोग के द्वारा पंचवर्षीय योजना तैयार की गई है जिसे नाम दिया गया है- अभिनव भारत 75
कार्यकाल – 2018-19 से 2022-23
अभिनव 75 को चार खंडों में बांटा गया है ।
इसमें 41 सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है ।
इसमें भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा गया है ।
इसमें देश को 8% आर्थिक विकास प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है ।
इसमें मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 2024 तक 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा गया है ।
अटल नवप्रवर्तन मिशन ( AIM )
भारत के प्रधान मंत्री की एक अग्रणी पहल अटल नवप्रवर्तन मिशन को नीति आयोग द्वारा देश भर में नवप्रवर्तन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है।
AIM को एक सर्वोच्च नवप्रवर्तन संगठन के रूप में भी परिकल्पित किया गया है जो उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, विज्ञान, इंजीनियरिंग और उच्चतर शैक्षणिक संस्थाओं के विभिन्न स्तरों तथा SMI Pउद्योग / कारपोरेट स्तरों पर नवप्रवर्तन और उद्यमिता के पारितंत्र की स्थापना को प्रोत्साहित करते हुए केन्द्र, राज्य और क्षेत्रकीय नवप्रवर्तन स्कीमों के बीच नवप्रवर्तन नीतियों के समन्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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धन्यवाद राम