इस पोस्ट में हम important mp ke mele में सिंहस्थ मेला , ममत्व मेला , रामलीला का मेला , हीरा भूमिया का मेला , नागा जी का मेला , तेजाजी का मेला , कालू जी महाराज का मेला , जागेश्वरी देवी का मेला , शिवरात्रि का मेला , महामृत्युंजय का मेला , चंडी देवी का मेला , काना बाबा का मेला , शहाबुद्दीन औलिया की उर्स , मठ घोघरा का मेला , सिंगाजी का मेला , बरमान का मेला , धमोनी उर्स , जल बिहारी का मेला , चरण पादुका का मेला , पीर बुधान का मेला , गोटमार का मेला , सिंगाजी का मेला आदि मेले के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे ।
Table of Contents
मध्य प्रदेश के प्रमुख मेले स्थान एवं उनसे संबंधित परीक्षा उपयोगी प्रमुख जानकारियां
मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 1400 स्थानों पर मेले लगते हैं ।
मध्यप्रदेश में सर्वाधिक मेले उज्जैन जिले ( 227 मेले ) में लगते हैं ।
मध्य प्रदेश में सबसे कम मेले होशंगाबाद जिले ( 13 मेले ) में लगते हैं ।
सिंहस्थ मेला :- उज्जैन
यह मेला शिप्रा नदी के तट पर बसे उज्जैन में महाकाल मंदिर के पास भरता है ।
शिप्रा नदी पर चैत्र मास की पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा तक यह महान स्नान पर्व चलता है ।
मध्यप्रदेश में उज्जैन एकमात्र स्थान है जहां कुंभ का मेला लगता है ।
बृहस्पति के सिंह राशि पर आने पर कुंभ मेला लगता है यह ग्रह स्थिति प्रत्येक 12 साल में आती है इसी कारण उज्जैन में लगने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है ।
सिंहस्थ मेला बृहस्पति ग्रह की गतिविधियों पर निर्भर है ।
पिछला महाकुंभ 2016 में भरा था तथा अब 2028 में भरेगा ।
संख्या की दृष्टि से इसे राज्य का सबसे बड़ा मेला माना जा सकता है।
कुंभ का मेला भारत में कुल 4 जगहों में लगता है –
स्थान | नदी |
इलाहाबाद ( उत्तर प्रदेश ) | गंगा, यमुना और सरस्वति नदी के संगम तट पर |
हरिद्वार ( उत्तराखंड ) | गंगा तट पर |
नाशिक ( त्रंबकेश्वर महाराष्ट्र ) | गोदावरी तट पर |
उज्जैन ( मध्य प्रदेश ) | शिप्रा नदी के तट पर |
ममत्व मेला
मध्य प्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम द्वारा स्व – सहायता समूह विभिन्न महिला समूहों तथा ग्रामीण शहरी महिला उद्यमियों द्वारा बनाई गई सामग्रियों के प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए ममत्व मेला मध्य प्रदेश महिला त्वरित विकास का आयोजन किया जाता है ममत्व मेले के द्वारा महिला उद्यमियों विशेष तौर से ग्रामीण महिलाओं को अपने उत्पादों को सीधे शहर में बेचने का अवसर मिलता है ।
आयोजन वर्ष | स्थान |
2008-09 | सागर एवं जबलपुर जिले में |
2009-10 | इंदौर में |
2010-11 | भोपाल में |
2012-13 | सागर जिले में |
रामलीला का मेला :- दतिया
दतिया जिले की भांडेर तहसील में यह मेला लगता है ।
यह मेला जनवरी फरवरी माह में लगता है ।
नोट :- कुछ पुस्तकों में रामलीला के मेले को ग्वालियर जिले में दिखाया गया है ।
हीरा भूमिया मेला :- ग्वालियर
यह मेला ग्वालियर , गुना के आसपास के गांव में भरता है I
यह मेला अगस्त और सितंबर में आयोजित किया जाता है ।
यह मेला हीरामन बाबा की स्मृति में भरता है ।
यह कहा जाता है कि हीरामन बाबा के आशीर्वाद से महिलाओं का बांझपन दूर होता है ।
नागाजी का मेला :- मुरैना
मुरैना जिले के पोरसा कस्बे में एक माह तक यह मेला चलता है ।
यह मेला प्रतिवर्ष नवंबर दिसंबर माह में भरता है ।
अकबर कालीन संत नागाजी की स्मृति में यह मेला लगता है ।
पहले इस मेले में बंदर बेचे जाते थे अब सभी पालतू जानवर बेचे जाते हैं ।
तेजाजी का मेला :- गुना
यह मेला गुना जिले के भामावड़ मे लगता है ।
इस मेले का आयोजन निमाड़ में भी होता है ।
यह मेला प्रतिवर्ष अगस्त सितंबर माह में भरता है ।
यह मेला तेजाजी की जयंती पर आयोजित होता है ।
ऐसा कहा जाता है कि तेजाजी के पास एक ऐसी शक्ति थी जो शरीर से सांप का जहर उतार देती थी ।
कालू जी महाराज का मेला :- पश्चिमी निमाड़
यह मेला पश्चिमी निमाड़ के पिपल्या खुर्द में 1 महीने तक लगता है ।
जागेश्वरी देवी का मेला :- अशोकनगर
यह मेला अशोकनगर जिले के चंदेरी नामक स्थान में लगता है ।
यह मेला प्रतिवर्ष चैत्र माह ( मार्च-अप्रैल ) में भरता है ।
कहा जाता है कि चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के भक्त थे तथा वे कोढ रोग से पीड़ित थे देवी के स्थान पर जाने पर देवी कृपा से राजा का कोढ ठीक हो गया उसी दिन से उस स्थान पर मेला लगना शुरू हो गया ।
अमरकंटक का शिवरात्रि का मेला :- अमरकंटक
अनूपपुर जिले के अमरकंटक नामक ( नर्मदा के उद्गम स्थल ) स्थान में यह मेला लगता है ।
यह मेला शिवरात्रि में लगता है ।
महामृत्युंजय का मेला :- रीवा
रीवा जिले के अहाते में महामृत्युंजय का मंदिर स्थित है ।
यहां प्रतिवर्ष बसंत पंचमी और शिवरात्रि में मेला लगता है I
यह बघेलखंड का प्रमुख धार्मिक मेला है I
चंडी देवी का मेला :- सीधी
यह मेला सीधी जिले के धीधरा ( घोघरा ) नामक स्थान पर लगता है I
चंडी देवी को सरस्वती का अवतार माना जाता है I
ऐसा माना जाता है कि अकबर के नवरत्नों में से बीरबल यहां के रहने वाले थे I
यह मेला प्रतिवर्ष मार्च-अप्रैल माह में मेला लगता है I
काना बाबा का मेला :- हरदा
यह मेला हरदा जिले के सोढलपुर नामक गांव में लगता है।
नोट :- कुछ पुस्तकों में काना बाबा का मेला होशंगाबाद में मिलता है किंतु वर्तमान में यह ग्राम हरदा जिले में आता है।
यहां पर कान्हा बाबा की समाधि है ।
शहाबुद्दीन औलिया का उर्स :- नीमच
यह उर्स नीमच और मंदसौर में फरवरी माह में आयोजित किया जाता है जो 4 दिनों तक चलता है ।
यहां बाबा शहाबुद्दीन की मजार है ।
मठ घोघरा का मेला :- सिवनी
सिवनी जिले के मौरथन नामक स्थान पर शिवरात्रि को 15 दिवसीय मेला लगता है ।
यहां पर प्राकृतिक झील और गुफा भी हैं ।
सिंगाजी का मेला :- पश्चिमी निमाड़
यह मेला पश्चिमी निमाड़ के पिपलिया गांव में अगस्त सितंबर में 1 सप्ताह का मेला लगता है ।
बरमान का मेला :- नरसिंहपुर
यह मेला नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील में नर्मदा नदी के तट पर लगता है ।
यह मेला सुप्रसिद्ध ब्राह्मण घाट पर मकर संक्रांति पर 13 दिवसीय लगता है ।
धामोनी उर्स :- सागर
यह मेला सागर जिले के धमोनी नामक स्थान पर बाबा मस्तान अली शाह की मजार पर लगता है ।
यह मेला अप्रैल-मई महीने में 6 दिनों के लिए लगता है ।
जल बिहारी का मेला :- छतरपुर
यह मेला छतरपुर जिले के चरण पादुका में मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित किया जाता है ।
मकर संक्रांति के इस मेले को लोग शहीद मेला भी कहते हैं ।
चरण पादुका का मेला :- छतरपुर
यह मेला छतरपुर जिले के चरण पादुका में मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित किया जाता है ।
मकर संक्रांति के इस मेले को लोग शहीद मेला भी कहते हैं ।
पीर बुधन का मेला :- शिवपुरी
यह मेला शिवपुरी के सावरा क्षेत्र में मुस्लिम संत पीर बुधन के मकबरे पर लगता है ।
यह मेला प्रतिवर्ष अगस्त सितंबर माह में लगता है ऐसा माना जाता है कि मजार के सामने जो अपनी इच्छा प्रकट करता है पीर उसे पूरा करते हैं ।
आलमी तब्लिगी इज्तिमा मेला :- भोपाल
आलमी तब्लिगी इज्तिमा का शाब्दिक अर्थ है :- विश्व विस्तृत धार्मिक सम्मेलन ।
यह मेला भोपाल के ईटखेड़ी में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है ।
इस मेले में पूरी दुनिया से इस्लाम के अनुयाई धर्म की शिक्षा हासिल करने और सिखाने के लिए आते हैं ।
इसमें आने वाले भक्तों के समूह को जमात कहते हैं तीन दिवसीय आयोजन है ।
गोटमार मेला :- छिंदवाड़ा
गोटमार मेले का आयोजन मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढुरना कस्बे में होता है ।
यह मेला प्रत्येक वर्ष भादो मास के कृष्ण पक्ष में अमावस्या पोला त्यौहार के दूसरे दिन किया जाता है ।
यह क्षेत्र महाराष्ट्र की सीमा से लगा हुआ है जिससे यहां मराठी भाषा बोलने वाले नागरिकों की बहुलता है और मराठी भाषा में गोटमार का अर्थ पत्थर से मारना होता है ।
इस मेले के दौरान पांढुरना और सावरगांव के बीच बहने वाली नदी के दोनों और बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक पत्थर मारकर एक दूसरे को लहू बहाते हैं इस घटना में कई लोग घायल हो जाते हैं इस पथराव में कुछ लोगों की मृत्यु के मामले भी सामने आए हैं ।
सिंगाजी का मेला :- खरगोन
यह मेला खरगोन जिले के ग्राम पिपल्या में भरता है ।
यह मेला प्रतिवर्ष अगस्त सितंबर माह में भरता है ।
यह मेला संत सिंगाजी की स्मृति में पड़ता है ।
मध्य प्रदेश के प्रमुख मेले व उनकी स्थिति एक नजर में ( MP Ke Mele Ki List )
क्रमांक | मेले का नाम | स्थान | समय अवधि |
1. | सिंहस्थ मेला | उज्जैन | 12 वर्षों में |
2. | भूत मेला | मलाजपुर , बेतूल | |
3. | गोटमार मेला | पांढुरना कस्बा , छिंदवाड़ा | |
4. | तेजाजी | भामाबाद गांव , गुना | अगस्त – सितंबर |
5. | सिंगाजी | पिपलिया गांव , खरगोन | अगस्त सितंबर में 1 सप्ताह तक |
6. | हीरा भूमिया | ग्वालियर व गुना | अगस्त-सितंबर |
7. | कान्हा बाबा | सोडलपुर हरदा | शिवरात्रि वा गुरु पूर्णिमा को |
8. | बरमान | गाडरवारा तहसील , नरसिंहपुर | मकर संक्रांति से 13 दिनों तक ( जनवरी माह ) |
9. | नागाजी | पोरसा , मुरैना | नवंबर-दिसंबर |
10. | गरीब नाथ | अवंतीपुर बरोडिया गांव शाजापुर | |
11. | मांधाता | मांधाता खंडवा | सितंबर-अक्टूबर में सात दिवसीय |
12. | अमरकंटक | अमरकंटक , अनूपपुर | शिवरात्रि पर |
13. | जल बिहारी | छतरपुर | अक्टूबर माह का 10 दिवसीय मेला |
14. | शारदा मां | मैहर , सतना | |
15. | जागेश्वरी देवी | चंदेरी , अशोकनगर | |
16. | महामृत्युंजय | रीवा | बसंत पंचमी व शिवरात्रि को |
17. | संकुआ | संकुआ दतिया | कार्तिक पूर्णिमा से 15 दिनों तक |
18. | कालू जी महाराज | पिपल्या , खरगोन | |
19. | मठ घोघरा | मौरथन , सिवनी | शिवरात्रि पर 15 दिनों तक |
20. | रामलीला | भांडेर , दतिया | जनवरी-फरवरी |
21. | चंडी देवी | घोघरा गांव सीधी | |
22. | पीर बुधान | ग्राम सांवरा , शिवपुरी | अगस्त सितंबर में एक दिवसीय |
23. | धामोनी उर्स | धमोनी सागर | अप्रैल-मई में 6 दिनों तक |
24. | बाबा सहाबुद्दीन औलिया | नीमच | फरवरी माह में 4 दिनों तक |
25. | त्रिवेणी मेला | रतलाम | |
26. | भोजपुर मेला | भोजपुर , रायसेन | |
27. | सलकनपुर मेला | सलकनपुर , सीहोर | |
28. | सोनागिरी मेला | दतिया | |
29. | कुंडलेश्वर मेला | टीकमगढ़ | |
30. | बड़े बाबा का मेला | कुंडलपुर , दमोह | |
31. | शिवरात्रि का मेला | पचमढ़ी होशंगाबाद | |
32. | लहार तहसील , भिंड | ||
33. | राम जी का मेला | ||
34. | उन्नाव का मेला | उन्नाव दतिया |
FAQ’S
1. मध्यप्रदेश में शहीद मेला कहां लगता है ?
मध्यप्रदेश में शहीद का मेला सनावद ( खरगोन ) में लगता है
2. मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मेला कहां लगता है ?
सिंहस्थ का मेला उज्जैन में प्रत्येक 12 वर्षों में शिप्रा नदी के तट पर लगता है
3. सनकुआ का मेला कहां लगता है ?
संकुआ गांव दतिया में कार्तिक पूर्णिमा से 15 दिनों का लगता है
4. जोगेश्वरी देवी का मेला कहां लगता है ?
जागेश्वरी देवी का मेला चंदेरी ( अशोकनगर ) में लगता है
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